भारतीय रेल ने पहली सौर ऊर्जा युक्त डेमू ट्रेन लॉन्च की

नई दिल्ली
रेलवे ने शुक्रवार को पहली सौर ऊर्जा युक्त डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टि यूनिट) ट्रेन का उद्घाटन कर दिया। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फारूख नगर स्टेशन के बीच आवाजाही करनेवाली इस ट्रेन के आठ डिब्बों पर कुल 16 सोलर पैनल लगे हैं। मेक इन इंडिया अभियान के तहत बने इन सोलर पैनल्स की लागत 54 लाख रुपये आई है। दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि सोलर पैनलों का इस्तेमाल रेलवे में ग्रिड के रूप में हो रहा है।

ट्रेन में पावर बैक-अप ऑप्शन है और यह बैटरी पर 72 घंटे तक का सफर पूरी कर सकती है। पिछले साल के रेल बजट में रेल मंत्रालय सुरेश प्रभु ने ऐलान किया था कि रेलवे सौर ऊर्जा से अगले 5 सालों में 1,000 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। सौर ऊर्जा युक्त डेमू ट्रेन इसी योजना का हिस्सा है। लॉन्चिंग के वक्त प्रभु ने कहा, 'भारतीय रेल स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रति कृतसंकल्प है।'

वहीं, रेलवे बोर्ड के मेंबर (रॉलिंग स्टॉक) रविंद्र गुप्ता ने कहा कि सोलर पावर पहले शहरी ट्रेनों और फिर लंबी दूरी की ट्रेनों में लगाए जाएंगे। अगले कुछ दिनों में 50 अन्य कोचों में ऐसे ही सोलर पैनल्स लगाने की योजना है। गुप्ता ने कहा कि पूरी परियोजना लागू हो जाने पर रेलवे को हर साल 700 करोड़ रुपये की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों में रेलवे सोलर पैनलों की बदौलत हर ट्रेन में 5.25 लाख लीटर डीजल बचा सकता है। इस दौरान रेलवे को प्रति ट्रेन 3 करोड़ रुपये की बचत होगी। इतना ही नहीं, सोलर पावर के इस्तेमाल से 25 सालों में प्रति ट्रेन 1,350 टन कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सजर्न कम होगा।

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