भारी बारिश से 10 लोगों की मौत, 454 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, 11000 लोग किए गए रेस्क्यू

भोपाल. मध्य प्रदेश में भारी बारिश (Rain) के कारण कई नदियां उफान पर हैं. इससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. ऐसे में राहत-बचाव के लिए सेना से मदद लेनी पड़ी है. प्रेदेश में खासकर रायसेन और हरदा जिले में बाढ़ का कुछ ज्यादा ही असर देखने को मिल रहा है. इन दो जिलों में हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ऐसे में कई हजार लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दो दिनों से हो रही भारी बारिश से मध्य प्रदेश में 10 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 454 गांवों से लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. हालांकि, रविवार को प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश कुछ थमी है.

बाढ़ की वजह से बड़े पैमाने पर नुकसान
बता दें कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की वजह से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. लगातार बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई है, जिससे लोग बेघर हुए हैं और करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं, रविवार को सिवनी जिले में वैनगंगा नदी में आई बाढ़ से दो पुल बह गए. कहा जा रहा है कि जिले में दो महीने पहले बना एक पुल उद्घाटन से पहले ही बह गया. वहीं, 10 साल पुराना एक अन्य पुल भी बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ गया है. भीषण बाढ़ का पानी जब उतरा तो भयावह तस्वीरें सामने आई हैं.

निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल
वैनगंगा नदी पर बने दो बड़े पुल के बह जाने से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. सिवनी में बाढ़ के कारण ध्वस्त हुआ एक पुल जहां करीब 10 वर्षो पहले भीमगढ़ में बना हुआ था. वहीं दूसरा पुल दो महीने पहले ही सुनवारा गांव के नजदीक बनाया गया था. सुनवारा पुल का कुछ दिनों में उद्घाटन होना था, लेकिन बाढ़ ने पुल निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी. बाढ़ की कहानी सामने आने के बाद अब सेतु विभाग इस मामले की जांच की बात कह रहा है. इधर, दोनों पुल के टूट जाने से ग्रामीण इलाकों में आवाजाही बुरी तरह प्रभावित है.

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