भिलाला जाति के वोटर तय करेंगे कौन बनेगा जोबट MLA; कांग्रेस-BJP जानिए इस सीट का जातीय गणित

अलीराजपुर  जोबट  विधानसभा उपचुनाव अब रोचक मोड़ पर आ गया है। इस सीट पर अब मुख्य मुकाबला जोबट के रावत परिवार की बहू सुलोचना और अलीराजपुर के पटेल परिवार के महेश के बीच होगा। इस सीट पर भिलाला आदिवासी तय करेंगे कि जोबट से विधायक कौन बनेगा? यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार इस समुदाय के चुनाव मैदान में उतारे हैं। उपचुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस छोड़कर आई सुलोचना को बीजेपी ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी से पहले कांग्रेस ने अलीराजपुर जिला अध्यक्ष महेश पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

बता दें कि सुलोचना के ससुर स्व. अजमेर सिंह रावत जोबट के दिग्गज राजनेता रहे हैं, वहीं महेश पटेल के पिता स्व. वेस्ता पटेल अलीराजपुर की राजनीति के। यानी जोबट की जनता के बीच अब दो राजनीतिक परिवारों के नुमाइंदे चुनावी मैदान में हैं। देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है। जोबट विधानसभा सीट अलीराजपुर जिले में आती है, इस सीट पर 97% आदिवासी वोटर्स हैं। भील, भिलाला और पटलिया यहां की प्रमुख जातियां हैं, इनमे 55% भिलाला, 40%भील और 5% पटलिया समुदाय के वोटर हैं। पूर्व कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

कांग्रेस से 3 बार विधायक रहीं सुलोचना रावत

सुलोचना रावत कांग्रेस से वर्ष 1996, 1998 और वर्ष 2008 में विधायक रह चुकी है। इस दौरान एक बार वे राज्यमंत्री भी रही। 2013 में कांग्रेस से उनके बेटे विशाल रावत ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। विशाल को 2018 में पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस ने महेश पटेल पर खेला दांव

जोबट में कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष महेश पटेल पर भरोसा जताया है। महेश पटेल के पिता वेस्ता पटेल भी कांग्रेस के विधायक रहे हैं। उनके भाई मुकेश पटेल फिलहाल अलीराजपुर से विधायक हैं। इसके पहले महेश पटेल ने अलीराजपुर सीट से विधायक का चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के नागर सिंह चौहान से चुनाव हार गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महेश पटेल के बजाय उनके भाई मुकेश पटेल को टिकट दिया और वह अलीराजपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने।

जोबट विधानसभा सीट का इतिहास

जोबट सीट मध्य प्रदेश राज्य बनने के बाद से ही विधानसभा का हिस्सा है। यहां 1951 में पहली बार चुनाव हुए थे, तब सोशलिस्ट पार्टी के प्रेम सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य के गठन के बाद 1957 से अब तक यहां 14 बार विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस ने 11 बार जीत दर्ज की। बीजेपी ने दो बार और सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने 1962 विधानसभा चुनाव में एकमात्र जीत दर्ज की थी।

इन नतीजों को देख कर साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है, लेकिन पिछले चार चुनावों की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही दो-दो बार जीत दर्ज की। ऐसे में दोनों ही पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भिलाला जाति के वोटर्स का दबदबा रहा है। भिलाला वोटर ही इस सीट पर जीत में अहम भूमिका निभाते हैं।

शिवराज खेल चुके इमोशनल कार्ड

सीएम शिवराज सिंह चौहान यहां जनदर्शन यात्रा निकालने के साथ ही इमोशनल कार्ड भी खेल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अपने हेलिकॉप्टर में आदिवासी को सवार करा कर यह संदेश देने की कोशिश की कि यह सिर्फ शिवराज सरकार में ही संभव है कि जो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर ना बैठा हो, वह सीधे हेलिकॉप्टर में बैठ गया। हालांकि कांग्रेस ने इस पर फोटो जारी करते हुए कहा था कि ये वो आदिवासी हैं, जो BJP और संघ से जुड़े हैं।

किसका खेल बिगाड़ेगा जयस

जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) BJP का खेल बिगाड़ सकता है। जयस ने उम्मीदवार तो नहीं उतारा, लेकिन पार्टी ने जो फैसला लिया है, उससे कांग्रेस को फायदा मिलेगा ऐसा भी नहीं है। जयस के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा है- मैं कांग्रेस से विधायक हूं, इसलिए उनके उम्मीदवार के लिए प्रचार करूंगा, लेकिन शेष पदाधिकारी-कार्यकर्ता यह निर्णय लेने के लिए फ्री हैं कि वे किसके साथ जाएंगे।

पिछले 4 चुनावों में क्या रहे नतीजे

  • 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार कलावती भूरिया ने 46,067 वोट हासिल कर बीजेपी के माधो सिंह डावर को 2056 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार विशाल रावत को 31,229 वोट मिले थे। इस बार माधोसिंह और रावत परिवार दोनों ही बीजेपी का सपोर्ट कर रहे हैं।
  • 2013 में कांग्रेस ने विशाल रावत को बीजेपी के माधो सिंह डावर के सामने मैदान में उतारा था। जो करीब 11 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस-बीजेपी के अलावा इस सीट पर बसपा, एनसीपी और सपा ने भी चुनाव लड़ा था।
  • 2008 में कांग्रेस ने वर्तमान बीजेपी उम्मीदवार सुलोचना रावत को उम्मीदवार बनाया था। जिन्होंने तब के बीजेपी उम्मीदवार माधो सिंह डावर को साढ़े 4 हजार वोटों के अंतर से हराया था। इस दौरान बसपा और सपा दोनों ही पार्टियों को मिलाकर करीब 6% वोट मिले पाए थे।

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