भीमा कोरेगांव हिंसा : पुलिस ने देशभर में की छापेमारी, पांच लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली।  पुणे पुलिस ने माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में विभिन्न राज्यों में कुछ लोगों के घरों सहित विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा और पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके नाम हैं वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण परेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोन्साल्वेज। पांचों आरोपियों को सेक्शन 153 A, 505(1) B,117,120 B,13,16,18,20,38,39,40 और UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे में एल्गार परिषद नाम के एक कार्यक्रम के बाद महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमागांव में हुई हिंसा की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं। बता दें कि साल 1818 में हुई कोरेगांव-भीमा लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर पिछले साल 31 दिसंबर को हुए एल्गार परिषद कार्यक्रम के सिलसिले में जून में गिरफ्तार पांच लोगों में एक के घर पुलिस की तलाशी के दौरान कथित तौर पर जब्त एक पत्र में राव के नाम का जिक्र था।

विश्रामबाग थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने के बाद जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा हुयी थी। इसके बाद माओवादियों से संपर्क रखने के आरोप में जून में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुयी थी। जून में छापा मारे जाने के बाद दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया, जबकि वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राऊत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनिरका स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया, एल्गार कार्यक्रम के मामले में हमारी छानबीन के दौरान प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों के बारे में कुछ सबूत मिले थे जिसके बाद पुलिस ने छत्तीसगढ़, मुंबई और हैदराबाद में छापे मारे। अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किये गए पांचों लोगों और उनके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के घरों में तलाशी ली गयी थी।

पुलिस ने बताया, हम इन लोगों के वित्तीय लेन-देन, संवाद के उनके तरीके की भी छानबीन कर रहे हैं और तकनीकी साक्ष्य भी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। पुणे पुलिस के निवर्तमान संयुक्त आयुक्त रवींद्र कदम ने दो अगस्त को कहा था कि भीमा कोरेगांव हिंसा से माओवादियों के तार जुड़े होने का पता नहीं चला है। हालांकि, उन्होंने कहा था कि पुणे में एल्गार परिषद के आयोजन में 'फासीवाद विरोधी मोर्चा की भूमिका थी। मौजूदा सरकार की नीतियों के विरोध में माओवादियों ने इस संगठन की स्थापना की थी। 

हाल ही में कदम का तबादला नागपुर कर दिया गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ दस्तावेज और वीडियो फुटेज के रूप में पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं। इससे पहले, पुलिस ने गिरफ्तार किये गए लोगों पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया था। आईपीसी की धाराओं, 153 ए (दो समुदायों के बीच वैमनस्य, रंजिश बढ़ाने), 505 (एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काने), 117 (सामान्य लोगों या दस से ज्यादा लोगों द्वारा किया गया अपराध) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत भी उन पर मामले दर्ज किये गए थे। 


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