मनोज तिवारी बोले- टीम से बाहर किए जाने के बारे में आज तक धोनी से कोई सवाल नहीं किया  

कोलकाता । टीम इंडिया के लिए खेल चुके और पश्चिम बंगाल में ‘छोटे दादा’ के नाम से प्रसिद्ध मनोज तिवारी ने सैकड़ा जड़ने के बाद टीम से बाहर किए जाने के बारे में खुलकर बात की। मनोज ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कभी टीम से बाहर किए जाने के संबंध में धोनी से सवाल नहीं किया। मनोज ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने देश के लिए 100 रन बनाने के बाद, मैन ऑफ द मैच लेने के बाद मैं अगले 14 मैचों तक अंतिम-11 में नहीं आऊंगा लेकिन इस बात का भी सम्मान करता हूं कि कप्तान, कोच और टीम प्रबंधन के भी अपने विचार होते हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर हमें उनके फैसलों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उनकी अलग रणनीति हो।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उस समय मौका नहीं मिला या यूं कहें कि मुझे में माही के पास जाने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि हम अपने सीनियरों का इतना सम्मान करते थे कि हम उनसे सवाल करने से बचते थे। इसलिए मैंने अभी तक उनसे सवाल नहीं किया।’ 34 वर्षीय मनोज ने कहा कि जब वह राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स में धोनी के साथ खेल रहे थे, तब उन्होंने कप्तान से यह सवाल पूछने के बारे में सोचा था, लेकिन वह आईपीएल के दबाव को देखकर रुक गए। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि बाद में कभी पूछूंगा।’ 
मनोज ने हाल ही में अपनी कप्तानी में बंगाल को रणजी ट्रोफी के फाइनल में पहुंचाया था लेकिन वह टीम को खिताब नहीं दिला सके। मनोज ने मुंबई के पृथ्वी साव और श्रेयस अय्यर को भविष्य का सितारा बताया है। उन्होंने कहा, ‘अय्यर अगर कुछ मैचों में अच्छा नहीं भी करते हैं तो भी मेरी नजर मे बेहतर ही रहेंगे। उनके अलावा मैं साव को देखता हूं, अगर वह शांत रहकर आगे बढ़ते हैं और अनुशासन में रहते हैं तो निश्चित तौर पर वह काफी आगे जाएंगे।’ 

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