मवे‎शियों को ‎बांग्लादेश पहुंचाने के ‎लिए ‎बिहार सीमा का उपयोग करते तस्कर, झारखंड प्रशासन ने रोका

गया । झारखंड प्रशासन ने ‎बिहार सीमा पर मवे‎शियों को भरकर बांग्लादेश ले जा रहे तीन ट्रकों को रोक ‎लिया है। सभी जानवरों को डोभी-चतरा सड़क मार्ग के धीरजापुल के पास एक लाइन होटल में रखा गया है। जानकारी की मुताबिक, पश्चि‍म बंगाल के रास्‍ते बांग्‍लादेश तक पहुंचने के लिए देश भर के मवेशी तस्‍कर बिहार-झारखंड के रूट का इस्‍तेमाल करते हैं। इन मवेशी तस्‍करों का नेटवर्क बिहार के भी क‍ई जिलों में फैला है। रोहतास जिले के काराकाट मंडी से जानवर की खरीदारी कर कोलकाता और टाटा जा रहे जानवर लदे तीन ट्रकों को बिहार-झारखंड की सीमा पर झारखंड प्रशासन ने शनिवार को रोक दिया। ट्रक से उतारे गए सभी जानवरों को जानवर के साथ ट्रक पर कोई व्यापारी नहीं था। जानवर को तीन ट्रक में भरकर ले जाया जा रहा था और ट्रक पर एक दर्जन मजदूर भी सवार था। झारखंड के हंटरगंज थाना की पुलिस के द्वारा उक्त गाड़ी को रोककर पशुपालन के संदर्भित कागजात की मांग की। किसी भी प्रकार के कागजात नहीं होने के कारण पुन: बिहार की सीमा में वापस भेज दिया गया। बता दें कि जानवरों की तस्करी डोभी-चतरा सड़क मार्ग से बड़ी संख्या में इन दिनों हो रही है, जिसमें दुधारू पशुओं की संख्या अधिक होती है। ट्रक पर सवार रहे मजदूरों ने बताया कि व्यापारी द्वारा मुझे इन जानवरों को पश्चिम बंगाल के कोलकाता और झारखंड के टाटा में पहुंचाने को कहा गया था। अकसर इसी रास्ते से जानवर पहुंचाने का कार्य करते हैं। सूत्रों ने बताया कि किसी भी जानवर को अन्यत्र जगह पर ले जाने के पूर्व मेडिकल जांच, पशुपालन का कागज, बिक्री पत्र, बाजार मालगुजारी रशीद, राज्यों के सीमा से गुजरने पर जांच की आवश्यकता होती है। जीटी रोड से प्रतिदिन बकरियों की भरी गाड़ी भी चेकपोस्ट से गुजर रही है जिसका भी कोई कागजात नहीं होता है, परंतु माफिया वर्ग के द्वारा इसी अपने धौंस दिखाकर पाकर करा लिया जाता है।

Leave a Reply