महिला हॉकी को लेकर काफी जागरूकता आई : रानी 

भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा है कि हॉकी में आ रहे बदलावों से उन्हें खुशी हो रही है। रानी के अनुसार हाल के दिनों में महिला हॉकी को लेकर काफी जागरूकता आई है। लोग अब टीम को जानते हैं और मैच भी देखते हैं। वहीं शुरुआती दिनों में हमें मैच खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिलते थे। हमें एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों का इंतजार करना पड़ता था। तब हमें कभी कभार ही अच्छी टीमों के खिलाफ खेलने का अवसर मिलता था।रानी ने कहा, " तब ट्रेनिंग भी ज्यादा अच्छे से नहीं होती थी। सरकार ने खिलाडियों का समर्थन किया और खेलों का ढ़ाचा भी मजबूत हुआ है। हमारे पास अब वीडियो एनालिस्ट हैं, जो हमारी गलतियों को सुधारने में मदद करते हैं।"
भारतीय टीम इस समय आगामी टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी कर रही है। महिला टीम को इसकी तैयारियों के लिए चीन में भी टूर्नामेंट खेलना था पर कोरोनावायरस के कारण यह दौरा रद्द हो गया है। ऐसे में रानी को उम्मीद है कि हॉकी संघ ओलंपिक तैयारियों के लिए कोई और इंतजाम करेगा। रानी ने कहा कि प्रो लीग में खेलने से हमें मदद मिलती है, क्योंकि वहां हम अच्छी टीमों के खिलाफ खेलते हैं। वहीं हमें इस दौरान ज्यादा सफर भी करना होता है, जो हमारी तैयारियों पर असर डालता है, इसलिए इसके हर प्रकार के लाभ होते है।" 
ओलंपिक के लिए ग्रुप ए में शामिल भारतीय महिला टीम 26 जुलाई को पहला मैच नीदरलैंड से खेलेगी, इसके बाद 27 जुलाई को जर्मनी, 29 जुलाई को ब्रिटेन, 31 जुलाई को आयरलैंड और एक अगस्त को दक्षिण अफ्रीका से खेलेगी। 
खेलों इंडिया से नई प्रतिभाएं सामने आएंगी
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी ने कहा है कि आगामी खेल इंडिया विश्वविद्यालय खेलों से देश भर में नई खेल प्रतिभाएं सामने आएंगी। हाल में पद्म श्री से सम्मानित रानी ने सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में देश को इससे काफी फायदा मिलेगा। रानी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल युवा मामलों और खेल मंत्रालय की एक शानदार योजना है। उन्होंने सबसे पहले खेलो इंडिया युवा खेल शुरू किए और अब खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल, अगर आप अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में देखें तो ये शानदार हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देशों में अधिकतर खिलाड़ी किसी ना किसी प्रारूप में विश्वविद्यालय स्तर पर खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हैं और अब भारत में भी इसी तरह की रणनीति लागू होने से हमें विश्वविद्यालय स्तर पर और अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिलेंगे, उसी तरह जैसे खेल इंडिया युवा खेलों से हमें प्रतिभावान युवा खिलाड़ी मिल रहे हैं। ’’ भुवनेश्वर में 22 फरवरी से एक मार्च तक होने वाले पहले खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में पुरुष और महिला वर्ग में आठ-आठ टीमें खिताब के लिए भिड़ेंगी। 
 

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