मांस के लिए मवेशियों के कारोबार पर पाबंदी के दायरे से बाहर हो सकती है भैंस

नई दिल्ली: मांस के लिए मवेशियों के कारोबार पर पाबंदी के फैसले को लेकर सरकार बहुत सारे समूहों के निशाने पर है. अब माना जा रहा है कि इस पाबंदी से भैसों को बाहर किया जा सकता है. सोमवार को एनडीए सरकार के फैसले के खिलाफ मद्रास आईआईटी में कम से कम 80 छात्रों ने बीफ समारोह मनाया. जबकि राष्ट्रीय चमड़ा परिषद ने सरकार से फैसले पर फिर से विचार करने को कहा. अब माना जा रहा है कि सरकार मवेशियों पर आया नया नियम बदल सकती है. मवेशियों के दायरे से भैंस को बाहर किया जा सकता है.

वैसे इस फैसले को लेकर सरकार पर राजनीतिक दबाव लगातार पड़ता रहा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया. इस विरोध में कुछ अप्रिय तस्वीरें भी देखने को मिलीं. केरल के कन्नूर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक बछड़ा काट दिया, जिसके बाद कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दोषी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया गया है.

जल्द ही दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता ताजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दोषी कार्यकर्ता के साथ राहुल का फोटो भी जारी कर दिया.  कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वे इस घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हैं.

लेकिन बीफ बैन और गौरक्षा के नाम पर तमाशे और हिंसा जारी है. महाराष्ट्र के वाशिम में 26 मई को मालेगांव के शिरपुर गांव के तीन कारोबारी महज अफवाह पर पीट दिए गए. वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने सात लोगों को पकड़ा. उघर मेघालय में बीजेपी सांसद बर्नार्ड मराक ने सस्ता बीफ बेचने का वादा कर बताया कि पार्टी के गौवंश प्रेम की भी अपनी राजनीति है.

दरअसल गौरक्षा और मवेशियों का कारोबार बेहद संजीदा राजनीतिक मसला हो चुका है. सरकार को एक-एक कदम फूंक-फूंक कर उठाना होगा. मवेशियों के कारोबार पर नए नियमों को लेकर पैदा बेचैनी यही बता रही है.

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