मानसून ने केरल में दी दस्तक, गर्मी से उत्तर भारत को अभी राहत नहीं, मौसम विभाग ने चेताया

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून अपने तय समय से तीन दिन पहले केरल पहुंच गया है। आईएमडी ने बताया कि मध्य अरब सागर, केरल के शेष हिस्सों, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के हिस्सों, पूर्व – मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ भागों में अगले 48 घंटे के दौरान मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल है। दक्षिणी राज्य में मानसून पहुंचना देश में चार माह तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। 


मौसम विभाग ने कहा, 'आज, दक्षिण पश्चिम मानसून दक्षिण पूर्व अरब सागर, कोमोरिन-मालदीव क्षेत्र, पूरे लक्षद्वीप, केरल के अधिकांश हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और बंगाल के मध्य और पूर्वोत्तर खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है। इसलिए दक्षिण पश्चिम मानसून तय समय से तीन दिन पहले मंगलवार को केरल पहुंच गया है। देश में मानसून पहुंचने की आधिकारिक तारीख एक जून है और इसे पूरे देश में सक्रिय होने में डेढ़ महीने का समय लगता है। यह लगातार दूसरा साल है जब मानसून ने तय समय से पहले दस्तक दी है। पिछले वर्ष वार्षिक बारिश सीजन 30  मई को शुरू हुआ था। मौसम पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी 'स्काईमेट' ने हालांकि कहा था कि मानसून ने केरल में सोमवार को दस्तक दे दी थी। 


मानसून के पहुंचने के साथ ही तटीय और दक्षिण आतंरिक कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के दूरस्थ क्षेत्रों में बुधवार को 'भारी से बहुत भारी बारिश' होने का अनुमान है। हालांकि, उत्तर और मध्य भारत के हिस्सों में गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। पश्चिम राजस्थान के हिस्सों , पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के एक या दो स्थानों पर कल लू चलने का अनुमान है। 


मौसम विभाग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के दूरस्थ स्थानों पर आंधी-तूफान की चेतावनी भी जारी की है। विभाग ने कहा, 'हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, बिहार और उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के दूरदराज के क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक अगर राज्य के 14 उपलब्ध केंद्रों में से 60 फीसदी में 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्यादा बारिश दर्ज की जाती है तब मानसून के आगमन की घोषणा की जा सकती है। यह मौसम विभाग के मानसून की घोषणा करने के मानकों में से मुख्य है। 


इसके अलावा पछुआ हवा (पश्चिम से चलने वाली हवा) के समुद्र तल से 15000  फुट की ऊंचाई पर होना भी एक मानक है। आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि सभी आवश्यक तय मानकों को पूरा किया गया हैं जिसके बाद केरल में मानसून की घोषणा की गई। आईएमडी ने इस सीजन में 'सामान्य' बारिश का अनुमान जताया है। पिछले वर्ष मौसम विभाग ने 'सामान्य से कम बारिश' दर्ज की गई थी। 


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