मुंडे परिवार का है गढ़, सांसद प्रीतम मुंडे के नाम दर्ज है सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
यह लोकसभा सीट वर्तमान में मुंडे परिवार की पारंपरिक सीट है। साल 2014 में यहां से स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे सांसद थे। सड़क हादसे में हुई उनकी मौत के बाद यहां से उनकी बेटी प्रीतम मुंडे ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की। पिछले तीन चुनावों से ये सीट भाजपा के कब्जे में हैं।
इस बार 26 निर्दलीय सहित कुल 36 उम्मीदवार यहां से चुनाव मैदान में है। भाजपा ने प्रीतम मुंडे को फिर से टिकट दिया। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बजरंग मनोहर सोनवणे को चुनाव मैदान में उतारा। यहां से वंचित बहुजन आघाडी की ओर से विष्णु जाधव लड़ रहे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी ने सैयद मुजम्मिल सैयद जमील को टिकट दिया।
भाजपा की मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे और राकांपा के बजरंग सोनावने भले ही बीड लोकसभा सीट पर आमने-सामने हों। लेकिन, मुकाबला जिले की गार्जियन मंत्री पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई और वरिष्ठ राकांपा नेता धनंजय मुंडे के बीच है। धनंजय महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं और पंकजा ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हैं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।
प्रीतम मुंडे ने तोड़ा था मोदी का रिकॉर्ड
2014 में इस सीट से गोपीनाथ मुंडे ने 1.36 लाख वोट से चुनाव जीता था। उनके खिलाफ मैदान में राकांपा के नेता सुरेश दास थे। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद 3 जून, 2014 को मुंडे का निधन एक कार दुर्घटना में हो गया। इसके बाद हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अशोकराव शंकरराव पाटिल को उनकी बेटी प्रीतम मुंडे ने 6.96 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी।
इस रिकॉर्ड जीत के साथ ही प्रीतम मुंडे ने पीएम मोदी का वडोदरा सीट को 5.70 लाख से अधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। इस उपचुनाव में प्रीतम मुंडे को कुल 9,22,416 वोट मिले थे जबकि पाटिल को 2,26,095 वोट से संतोष करना पड़ा था।
25 लाख है यहां की आबादी
बीड की आबादी 25,85,049 है, जिसमें से 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण और 19 प्रतिशत शहरी हैं। जबकि 13 प्रतिशत लोग एससी और 1 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग के हैं। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,792,652 है। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 829,083 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 963,569 है।
विधानसभा का गणित
बीड लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं। गेवराई, माजलगांव, आष्टी, कैज और परली विधानसभा सीटों पर बीजेपी का वर्चस्व है जबकि बीड में एनसीपी अपनी साख बचाए हुए है।
बीड लोकसभा सीट का इतिहास-
साल सांसद पार्टी
1952 रामचंदर गोविंद परांजपे पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट
1957 रुखमजी ढोंडिबा पाटिल इंडियन नेशनल कांग्रेस
1962 द्वारकादास मन्त्री इंडियन नेशनल कांग्रेस
1967 एनआर पाटिल सीपीआई
1971 सायाजीराव पंडित इंडियन नेशनल कांग्रेस
1977 गंगाधर बुरंडे सीपीआई(एम)
1980 केसरबाई क्षीरसागर इंडियन नेशनल कांग्रेस
1984 केसरबाई क्षीरसागर इंडियन नेशनल कांग्रेस
1989 बबनराव ढाकने जनता दल
1991 केसरबाई क्षीरसागर इंडियन नेशनल कांग्रेस
1996 रजनी पाटील भारतीय जनता पार्टी
1998 जयसिंहराव पाटील भारतीय जनता पार्टी
1999 जयसिंहराव पाटील भारतीय जनता पार्टी
2004 जयसिंहराव पाटील राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
2009 गोपीनाथ मुंडे भारतीय जनता पार्टी
2014 गोपीनाथ मुंडे भारतीय जनता पार्टी
2014(उपचुनाव) प्रीतम मुंडे भारतीय जनता पार्टी