मुंबई में 64 रुपये में मिल रहा करोड़ों का फ्लैट, लेने वाला कोई नहीं

 मुंबई : दक्षिण मुंबई, यहां पर एक स्कावयर फीट की कीमत लाखों में है और किराया भी हजारों में. लेकिन यहां पर 1100 स्कावयर फीट में बने फ्लैट को 64 रुपये किराये पर लेना वाला कोई नहीं है. मुबई का ग्रांट रोड का इलाका जहां एक 23 बिल्डिंग की पारसी कॉलोनी ही है .इसी कॉलोनी के धुनजीबॉय बिल्डिंग के पहले मंडल पर करीब 1100 स्कावयर फीट का फ्लैट खाली है. ये फ्लैट मुंबई पुलिस के अधीन है, साल 1940 से महालक्ष्मी वाला ट्रस्ट के जरिये. लेकिन 2008 के बाद से यहां पर कोई रहा ही नहीं. जो रहने भी आया उसे यहां के पारसियों ने रहने भी नहीं दिया.

पहली शर्त यह है कि किरायेदार पारसी धर्म से हो
दरअसल इस इमारत में रहने की पहली शर्त है व्यक्ति को पारसी होना चाहिए. महज 64 रुपये के किराये पर लिए गए मकान में मुंबई पुलिस के अंतिम अधिकारी जोकि पारसी थे साल 2008 में रहे. ऐसा अधिकारी का नाम था फिरोज गांजीया. इसके बाद से मुंबई पुलिस में पारसी अधिकारियों की कमी रही. फिलहाल मुंबई पुलिस विभाग में दो ही पारसी अधिकारी हैं, एक मुंबई से बाहर डिपोटिशन और दूसरा खुद अपने ही घर में रहते हैं. हालांकि मुंबई पुलिस ने यहां अधिकारियों को रखने की कोशिश जरूर की लेकिन इलाके के पारसी समुदाय के लोगों ने मकान के अंदर तक प्रवेश नहीं करने दिया.

एग्रीमेंट के अनुसार ही मिलेगा फ्लैट
कोल्हापुर से आए विनायक नारले को मुंबई पुलिस ने यह फ्लैट अलॉट किया, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया. इस इलाके में रहने वाले लोग कहते हैं कि जैसा एग्रीमेंट में होगा वैसा ही करना होगा. इस इलाके में पारसी के अलावा कोई नहीं रहता है. धुनजीबॉय बिल्डिंग के पास इंजीनियर बिल्डिंग की रहने वाली पीयूस साइरस कहती हैं कि इस पूरे इलाके में पारसी ही रहते हैं. सालों साल से इसके अलावा कोई और नहीं. पिछले 10 सालों से ये बिल्डिंग खाली है. यहां कोई आया ही नहीं.

करीब डेढ़ करोड़ रुपये है कीमत
इसी इमारत में रहने वाले दायूस के अनुसार हम लोगों पीढ़ियों से यहां रहते हैं. लेकिन इस बिल्डिंग में पारसी के अलावा कोई रहता ही नहीं. जो एग्रीमेंट है उसी हिसाब से यहां लोग रहते हैं. हां पहली मंजिल का फ्लैट खाली है काफी दिनों से. यदि आप बाजार भाव के हिसाब से इस प्रापर्टी की कीमत देखें तो तकरीबन 1 लाख 40 हजार रुपये स्कवायर फीट के हिसाब से करीब दो से ढाई करोड़ रुपये इसकी कीमत है. किराया के लिहाज से 76 हजार से 1 लाख 25 हजार रुपये के बीच.
लेकिन ट्रस्ट का होने की वजह से 64 रुपये में भी मुंबई पुलिस कोई किरायदार मुहैया नहीं करा पा रही है‌. इस मामले में ज्वाइन्ट कमिश्नर एडमिनिस्ट्रेशन संतोष रस्तोगी ने बताया कि मामला सरकार के संज्ञान में दे दिया गया है. इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा. सरकार अगर कोई और उपाच कर सकेगी तभी पुलिस के लोगों के लिए ये आलीशान फ्लैट महज 64 रुपये में मिल सकेगा, नहीं तो फिर से ट्रस्ट के अधीन जाएगा. यह सही है कि पुलिस अपनी ही कुछ पेचीदगियों में उलझी है कि इस मकान के लिए एक दावेदार नहीं दिला सका.

दूसरी ओर पारसी समुदाय की जिद के कारण किसी जरूरत मंद को ये घर भी नहीं मिल रहा है और पिछले 11 साल से खाली है. मुंबई में कई और ऐसी इमारतें और प्रापर्टी हैं जो जरूरतमंद को दी जा सकती हैं लेकिन समाज, सोसाइटी और धर्म के उलझनों में उलझ कर रह गई हैं.
 

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