मुंबई हादसा: देना पड़ रहा जिंदा होने का सबूत

मुंबई
'मैं जिंदा हूं और पूरी तरह ठीक हूं', सुनने में यह वाक्य जरा अजीब सा लगता है। लेकिन कुछ इसी तरह 35 वर्षीय मोहम्मद इमरान शेख अपने जिंदा होने का सबूत देते फिर रहे हैं। दरअसल शुक्रवार को एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर मची भगदड़ में 23 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इसमें 35 वर्षीय मोहम्मद इमरान शेख के मामा मसूद आलम भी शामिल थे। हादसे के बाद जब इमरान मामा की खबर जानने के लिए केईएम हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके मामा की मौत हो गई। हालांकि इसके बाद उपजे भ्रम के कारण मसूद के साथ इमरान की भी मौत होने की खबर आने लगी। इस बारे में इमरान जब तक किसी को कुछ बता पाते, तब तक उन्हें फोन और मैसेज लगातार आने लगे।

ऐसे हुआ भ्रम
इमरान ने बताया कि वह अपने मामा के साथ दादर में गारमेंट्स का काम करते हैं। हर रोज दोनों साथ में ही काम के लिए निकलते थे। हादसे वाले दिन इमरान को निकलने में थोड़ी देर हुई तो मामा पहले ही निकल गए। हालांकि घर से निकलने के कुछ ही देर बाद हादसे की खबर आने लगी। आनन-फानन में इमरान अन्य परिजनों के साथ केईएम अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें मसूद के मौत की खबर मिली। वहां उपस्थित कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा इमरान से उनके मामा की फोटो मांगी गई। इमरान के पास उनके मामा और खुद के साथ वाली एक तस्वीर थी जिसे उसने दे दिया। इमरान ने बताया कि अगले दिन मृत व्यक्तियों की फोटो के साथ इमरान की भी फोटो लग गई। फिर क्या था इमरान का फोन ऐसा घनघनाना शुरू हुआ कि अभी तक बंद नहीं हुआ है। अपने मौत की झूठी खबर के बाद से परिजनों और दोस्तों को खुद के सुरक्षित होने की जानकारी देते-देते वे झल्ला गए हैं।

श्रद्धांजलि के लिए लगी भीड़
हादसे के बाद शनिवार को एलफिंस्टन रोड स्टेशन के बाहर मौत का शिकार होने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए पोस्टर लगाया गया। मृतकों की आत्मा की शांति के लिए हजारों लोगों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि के लिए लगाए गए पोस्टर में भी इमरान की फोटो थी। नतीजतन जिंदा इंसान को भी लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर दी। इमरान ने बताया कि श्रद्धांजलि और एक टीवी चैनल पर मृतकों की फोटो के साथ मेरा फोटा दिखाने के बाद से मेरे कई रिश्तेदार परेशान हो गए और मेरी स्थिति जानने के लिए फोन करने लगे। कुछ लोग तो आनन-फानन में घर भी आ गए।

फास्ट ट्रेन ने बचाई जिंदगी
हादसे के बाद से अकसर लोग ट्रेन की भीड़ और प्रशासन को कोस रहे हैं, लेकिन इमरान अपनी सुरक्षित जिंदगी के लिए फास्ट ट्रेन का शुक्रगुजार हैं। इमरान ने बताया कि वह हर रोज स्लो ट्रेन से एलफिंस्टन आते थे, शुक्रवार को देर होने के कारण उन्होंने फास्ट ट्रेन ली थी। दादर उतरने के बाद ऑफिस जाने के लिए ट्रेन से एलफिंस्टन जाने की बजाय इमरान ने टैक्सी लेने का फैसला लिया और हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए।

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