मोदी सरकार के 3 साल पर लोकल सर्वे में जानें कितने मिले नंबर

केंद्र में पीएम मोदी की सरकार बने तीन साल पूरे हो गए हैं. पिछले तीन साल पर नजर घुमाएं तो नोटबंदी, स्टार्टअप इंडिया, क्लीन इंडिया जैसे बड़े-बड़े फैसले दिखाई देते हैं, लेकिन क्या इससे बेरोजगारी कम हुई? क्या काला धन बाहर आया? क्या काला धन रखने वाले पकड़े गए? क्या अपराध कम हुआ? ऐसे ही मुद्दों को लेकर लोकल सर्किल्स ने दो लाख लोगों के बीच एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने मोदी सरकार के काम पर अपनी राय दी है.

प्रधानमंत्री मोदी के 3 साल के कामकाज पर लोकल सर्किल्स के सर्वे के मुताबिक 36 फीसदी लोगों का मानना है कि इन 3 सालों में कारोबार करना आसान हुआ है जबकि 36 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते.

बेरोजगारी कम हुई? इस सवाल पर सर्वे में शामिल 63 फीसदी लोगों का मानना है कि बेरोजगारी कम करने में सरकार फेल रही है जबकि 21 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार बेरोजगारी को दूर करने में कामयाब रही है. वहीं 16 फीसदी लोगों ने इस सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

नोटबंदी से भ्रष्टाचारियों पर नकेल लगी? इस सवाल पर सर्वे में शामिल 51 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी है, जबकि 37 फीसदी लोगों ने इस कार्य में सरकार को असफल माना है. वहीं 47 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार ने भ्रष्टाचार को कम किया है जबकि 43 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार भ्रष्टाचार को कम करने में विफल रही है. 10 फीसदी लोगों ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

सर्वे में मोदी सरकार के कामकाज पर 44 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार ने उम्मीद के मुताबिक काम किया है जबकि 17 फीसदी लोगों का कहना है कि मोदी सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है. वहीं 39 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार ने पिछले 3 साल में अपने उम्मीद से कम कामकाज किया है.

सरकार अपने वायदे पूरे करती दिख रही है? इस सवाल पर सर्वे में 59 फीसदी लोगों ने सहमति जताई जबकि 32 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार अपने वायदे पूरे करने में असफल रही है.

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध कम करने के वादे पर मोदी सरकार बुरी तरह पीटी है. सर्वे के मुताबिक 66 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार के कार्यकाल के दौरान महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध नहीं घटे है जबकि 28 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार ने अपराध पर सख्त कदम उठाया है.

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