यूपी की जनता के दिल में ‘बुआ’-‘बबुआ’ और ‘बाबा’ को नहीं मिला ठौर

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha election results 2019) का फाइनल रिजल्ट आने में अभी कुछ वक्त है, लेकिन अब तक के रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी के नेतृत्व वाला BSP प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनने जा रहा है. इस चुनाव परिणाम ने उत्तर प्रदेश में SP-BSP-रालोद गठबंधन के लिए जश्न मनाने का कोई मौका नहीं दिया, क्योंकि इनका जातीय गणित यहां औंधे मुंह गिरा है. इसके अलावा इस चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की भी यूपी में करारी हार हुई है. राहुल गांधी तो खुद अमेठी लोकसभा सीट से भी हार गए. इस तरह देखने को मिला कि बुआ (मायावती), बबुआ (अखिलेश यादव) और राहुल गांधी (बाबा) की करारी हार हुई है.

2014 के लोकसभा और 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद धुर विरोधी समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आपस में हाथ मिलाने का फैसला लिया था.

यह महागठबंधन जनवरी में अस्तित्व में आया और कहा गया कि यह उत्तर प्रदेश में भाजपा को मात देकर सत्ता में उसकी वापसी की राह रोकेगा. नतीजों के रुझान ने गठबंधन को बिना ताकत का बना दिया है. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान BSP सुप्रीमो मायावती अपने हर प्रेस कांफ्रेंस में कहती दिखीं की महागठबंधन के सामने बीजेपी की एक नहीं चलेगी. वहीं कई जानकार भी मान रहे थे कि महागठबंधन के जातीय समीकरण को तोड़ना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के लिए बड़ी चुनौती होगी. लेकिन जब रिजल्ट आए तो ब्रांड मोदी ने इनके जातीय गणित को ध्वस्त कर दिया.
 

Leave a Reply