रविवार का सेलिब्रेटिंग इवेंट रद्द, अब हमीदिया अस्पताल में कोरोना से ठीक हुए नॉन ऑक्सीजन मरीज आज और कल डिस्जार्च हो सकेंगे

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में काेरोना से ठीक होने पर आयोजित सेलिब्रेटिंग इवेंट को कैंसिल कर दिया गया है। अब यहां काेरोना के मरीजाें को आज और कल डिस्चार्ज किया जाएगा। गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डाॅ. जतिन शुक्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रविवार को अस्पताल में इवेंट नहीं होगा। क्येांकि कोरोना मरीजाें को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे। ऐसे में स्वस्थ्य हो चुके मरीजाें को दो दिन तक अस्पताल में रोके रखना न्यायोचित नहीं था। यह कोविड प्रोटोकॉल का उल्लघंन है।

सूत्रों ने बताया, कोरोना महामारी के दौरान बिगड़े हालातों के बीच सेलिब्रेटिंग इवेंट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई। इसके बाद इवेंट कैंसिल किया गया। दरअसल, हमीदिया अस्पताल में भर्ती होने के लिए कई मरीज इंतजार में हैं। उधर जो स्वस्थ हो गए हैं , उन्हें तो घर ही दिख रहा था। इसी बीच, हमीदिया अस्पताल प्रबंधन के निर्देश ने दोनों तरह के मरीजों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।

हमीदिया अस्पताल के डीन डाॅ. जतिन शुक्ला का आदेश, जिसे 5 घंटे में वापस लिया गया।

बता दें, डीन डाॅ. शुक्ला ने निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया कि रविवार को एक साथ जश्न के साथ मरीजों को छुट्टी दी जाएगी। लिहाजा, शुक्रवार और शनिवार को छुट्टी होने वाले मरीजों को अस्पताल में ही रोक दिया जाए। इसे लेकर अधीक्षक डाॅ. लोकेंद्र दवे का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

इसमें वे यह निर्देश भोपाल के कमिश्नर कविंद्र कियावत के हवाले से देना बता रहे हैं। इसे लेकर अधीक्षक ने पत्र भी 30 अप्रैल को जारी किया। इसमें मरीजों को डिस्चार्ज करने वक्त सेलिब्रेशन इंवेट आयोजित करने कहा गया था। डॉक्टर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ को मरीजों की देखभाल करने के बजाय फल-फूल से लेकर पानी की बोतल का इंतजाम करने को कहा गया था।

असंवेदनशीलता की हद है सरकार!: हमीदिया के अधीक्षक ने डाॅक्टर्स से कहा- कोरोना से ठीक हुए नॉन ऑक्सीजन मरीजों को डिस्चार्ज मत करो, रविवार को सेलिब्रेट कर भेजेंगे

इसलिए इवेंट का विरोध

    कोरोना मरीजों के लिए हमीदिया अस्पताल समेत भोपाल के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, ऐसे में मरीजों को रोकना उचित नहीं।
    कोरोना को हरा चुके मरीजों को 2 दिन तक अस्पताल में रोकने से उन्हें फिर से दूसरी बीमारियों का संक्रमण होने का खतरा है। वजह, उनकी राेग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।

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