राजस्थान में गौरव पथ का निर्माण अब तक अधूरा, ग्रामीण की बड़ी परेशानी

प्रदेश की सरकार ने गांवों में आवागमन की राह आसान करने के लिए गौरव पथ स्वीकृत किए थे. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि इस कवायद से आवागमन में सहुलियत मिलेगी. लेकिन क्षेत्र के कई गांवों के लोगों को स्वीकृति के बाद भी गौरव पथ पर आवागमन की सुविधा नहीं मिली. सुल्तानपुर क्षेत्र की चार ग्राम पंचायतो में स्वीकृति के एक वर्ष बाद भी ग्रामीण गौरव पथ सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. ऐसे में आज भी ग्रामीणों को कीचड़ भरी डगर से गुजरना पड़ रहा है. 

बारिश में आम रास्तों पर फैले कीचड़ के बीच ग्रामीण आवागमन करते हैं . इस सदी में जहां लोग चांद पर पहुंच रहे हैं. वहीं गांवो में आज भी लोगों की आवागमन की राह आसान नहीं है. खासकर बारिश के दिनों में गांवो में आवागमन करना किसी पहाड़ पर चढ़ने जैसी चुनौती से कम साबित नहीं है. आजादी के बीते साथ दशक में सत्ता में आई सरकारों ने गांवो के विकास के लिए बजट भी खर्च किया और विकास के बड़े-बड़े दावे भी किए. लेकिन आज भी कई गांवों में लोगों को सड़क की सुविधा तक नहीं मिली. कच्ची पगडंडियों पर गुजरना लोगों की नियति बनी हुई है. बारिश में आज भी इनमें कई गांवों में सम्पर्क सिर्फ इस वजह से कट जाता है कि सड़क नहीं हैं. अब भी ग्रामीण नेताओ के आगे गुहार लगाते है लेकिन वोट लेने के बाद कोई इनकी सुध लेने नहीं आता. 

सुल्तानपुर क्षेत्र के झाड़गांव, किशोरपुरा, बूड़ादीत व बड़ौद के ग्रामीण भी बरसो से कुछ ऐसे ही समस्याओं से जूझ रहे है. सरकार ने एक साल पहले चारो गांवो में गौरवपथ सड़क स्वीकृत की. यहां प्रत्येक गांव में 60 लाख रूपए की लागत से गौरव पथ सड़क बनाई जानी थी. विधानसभा चुनाव के पहले चुनावी फायदे के लिए बीजेपी सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने आनन-फानन में गौरव पथ का शिलान्यास भी कर दिया. लेकिन इसके बाद शिलान्यास को एक वर्ष गुजरने को आया फिर भी इन ग्राम पंचायतों में गौरव पथ सड़क में एक रूपए का कार्य तक नहीं हुआ. 

मंडावरा में भी गौरव पथ सड़क मे भी अधूरे निर्माण से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. यहां सड़क तो बना दी गई लेकिन इसमे नाली निर्माण नहीं किया गया वंही मोरपा में भी गौरव पथ का कार्य रूका हुआ है. जहां भी लम्बे समय से ग्रामीण गौरव पथ सडक़ के पूरी बनने की राह देख रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि गौरव पथ को लेकर कई बार पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठकों में भी जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्या उठाई जा चुकी है लेकिन वहां भी आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. विभाग के अधिकरी बजट नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते है. 
 

Leave a Reply