राजस्थान में 2 साल बाद शुरू हुई वन्यजीवों की गणना

वन विभाग की ओर से 2 साल बाद सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा को वन्य जीव गणना शुरू हो चुकी है। इसे लेकर पिछले कई दिनों से भीलवाड़ा के वन क्षेत्र के 55 वाटर पाइंटर पर तैयारियां चल रही थी। जिले की सीमा से सटे दूसरे जिलों में भी वन्यजीव गणना रोमांचक होने वाली है। पिछले दो सालों से प्रदेश में वन्यजीव गणना प्रभावित रही है। साल 2020 कोरोना काल और 2021 में गणना से पहले बारिश हो गई थी। ऐसे में वन विभाग वन्यजीवों की गणना नहीं कर पाया। इस बार गणना में सभी जीवों के कुनबे के बढ़ने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा भीलवाड़ा में पैंथर सहित अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए वन्यप्रेमी उत्साहित है।

वन विभाग की ओर से हर बार बुद्ध पूर्णिमा ( वैशाख की पूर्णिमा) को ही वन्यजीव गणना करवाई जाती है। यह समय गर्मी का होता है। इस समय पानी के सभी स्त्रोत सूख जाते है। जिससे कुछ ही पानी के स्त्रोत होने से वन्यजीव वहीं आकर पानी पीते है। वैशाख की पूर्णिमा को चांद की रोशनी सबसे ज्यादा होती है। इस रात पूरा जंगल सफेद नजर आता है। जैसे कमरे में लाइट लगी हो। यह वन्यजीव गणना सोमवार सुबह शुरू हो चुकी है दूसरे दिन मंगलवार की सुबह तक चलेगी। सूर्य उदय से अस्त तक के समय में शाकाहारी जीव पानी पीने के लिए आते है। वहीं सूर्य अस्त के बाद मांसाहारी जीव पानी पीने के लिए इन वाटर पाइंट पर आते है।
 

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