राम रहीम की खेती को लेकर खुलासा, जानें कितने एकड़ का है काश्तकार, पैरोल का विरोध भी शुरू

साध्वी यौन शोषण और पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम डेरा सच्चा सौदा की मालिकाना हक वाली भूमि में काश्तकार है। गुरमीत राम रहीम ने सिरसा के शाहपुर बेगू क्षेत्र में आने वाली करीब 260 एकड़ कृषि भूमि में खुद को काश्तकार बताते हुए इसी आधार पर पैरोल मांगी है। हालांकि सिरसा में गुरमीत राम रहीम की खुद की व्यक्तिगत मालिकाना हक का कोई दस्तावेज नहीं मिला। 260 एकड़ कृषि भूमि में की जमाबंदी में गुरमीत राम रहीम का अकेले का नाम नहीं है। उसके साथ डेरा सच्चा सौदा सिरसा अंकित है। ऐसे में यह भूमि डेरे के ट्रस्ट की है। लेकिन उसमें कई जगहों पर काश्तकार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम है। अमर उजाला के पास उपलब्ध दस्तावेजों में खेवट नंबर 1195, खतौनी नंबर 1371 में गुरमीत राम रहीम काश्तकार है। 

इस दस्तावेजों में मालिक कब्जा डेरा सच्चा सौदा सिरसा जैर अहतमाम यानि की मौका काबिज संत गुरमीत सिंह राम रहीम इंसां चेला संत शाह मस्ताना का उल्लेख किया हुआ है।

इसी प्रकार जमाबंदी 120 नंबर खतौनी 144 में डेरा सच्चा सौदा सिरसा जैर अहतमाम संत गुरमीत सिंह वासीदेह का उल्लेख किया गया है। इन दोनों जमाबंदी में डेरा प्रमुख करीब 13 कनाल चार मरले में काश्तकार है। इसी प्रकार से 1221 जमाबंदी में खतौनी नंबर 1397 में गुरमीत राम रहीम खुद काश्तकार है। 

कुल 1260 एकड़, शाहपुर बेगू में 790 एकड़ जमीन

डेरा सच्चा सौदा पुराना और डेरा सच्चा सौदा नया के पास करीब 1260 एकड़ जमीन है। इसमें से 790 एकड़ शाहपुर बेगू में है। जिसमें से 260 एकड़ जमीन कृषि योग्य है। इस कृषि योग्य भूमि में डेरा प्रमुख काश्तकार है।

हालांकि सिरसा में उसके व्यक्तिगत कृषि भूमि होने का कोई प्रमाण नहीं मिला। लेकिन अमर उजाला के पास उपलब्ध दस्तावेजों में गुरमीत राम रहीम काश्तकार है। इसी कृषि भूमि में खुद को काश्तकार बताकर डेरा प्रमुख ने पैरोल के लिए आवेदन किया है।

एसपी ने थाना प्रभारियों से मांगी रिपोर्ट
गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर राजस्व विभाग से जो रिपोर्ट पुलिस विभाग के पास पहुंची हुई। अभी तक पुलिस विभाग उस रिपोर्ट के पहलुओं का अध्ययन कर रहा है। हालांकि लॉ एंड आर्डर को लेकर भी एसपी ने थाना प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी हुई है। 

ये है मामला 
गुरमीत राम रहीम की ओर से कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी गई है। रोहतक के जेल अधीक्षक की ओर से इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है। पूछा गया है कि क्या कैदी गुरमीत सिंह को पैरोल देना उचित होगा या नहीं? जानकारी अनुसार रोहतक जेल अधीक्षक द्वारा पैरोल के बारे में मांगी गई रिपोर्ट में डेरा प्रमुख पर सीबीआई कोर्ट द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में भी दोषी करार दिए जाने के अलावा दो अन्य मामले लंबित होने का भी उल्लेख किया गया है। 

 

गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया था। इसके अतिरिक्त सांध्य दैनिक पूरा सच के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार दिया था।

इसके अतिरिक्त डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दो मामले कोर्ट में ट्रायल पर है। इनमें एक रणजीत सिंह हत्या का और दूसरा डेरा प्रेमियों के अंडकोष निकालने का है। 

अंशुल छत्रपति ने किया विरोध
डेरा प्रमुख की पैरोल को लेकर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने अपना एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार डेरा प्रमुख को पैरोल देते हैं तो वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। अंशुल ने कहा कि कानूनी तौर पर डेरा प्रमुख को पैरोल देना उचित नहीं है। 

सरकार के दो मंत्रियों ने डेरा प्रमुख के पक्ष में जो बयान दिया वह उचित नहीं है। 25 अगस्त की हिंसा को लेकर कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार ने डेरे से नुकसान की भरपाई नहीं की। यदि डेरा प्रमुख को पैरोल मिल गई तो उसके बाद यदि अनहोनी घटनाएं हुई तो कौन जिम्मेदार होगा। 

रिपोर्ट तैयार करने में समय लगेगा। इतनी जल्दी तैयार नहीं की जा सकती। कई जगहों से अलग अलग इनपुट लिए जा रहे हैं। हम अपनी रिपोर्ट डीसी के पास भेजेंगे। -अरुण सिंह, एसपी सिरसा। 

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