राम रहीम के साथ विदेश में बसकर देश को मिटाना चाहती थी हनीप्रीत!

कैमरे के सामने घड़ियाली आंसू बहाने वाली हनीप्रीत का सबसे बड़ा सच सामने आ ही गया. देशद्रोही हनीप्रीत का इरादा गुरमीत राम रहीम के साथ विदेश में जाकर बसना था. वो विदेश में रहकर भारत को विश्व के नक्शे से मिटाने का सपना पाले हुए थी. ये खुलासा खुद उसने अपने कबूलनामे किया है.

 

हनीप्रीत की खौफनाक साजिश

 

हनीप्रीत का कबूलनामा पुलिस ने 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट के साथ कोर्ट में पेश किया. जिसके मुताबिक हनीप्रीत ने पंचकुला हिंसा और गुरमीत राम रहीम को फरार करवाने का साजिश रचने का जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस को दिए गए अपने बयान में हनीप्रीत ने कहा है कि उसने हिंसा, आगज़नी, तोड़फोड़ और खून-खराबा इसलिए करवाया था ताकि पुलिस का ध्यान बाबा से हट जाए और वह अपने प्लान के मुताबिक बाबा को लेकर नेपाल चली जाए और फिर वहां से विदेश में जा कर कहीं बस जाए.

 

ऐसे बनाया था हिंसा का प्लान

 

इस काम के लिए हनीप्रीत ने 17 अगस्त को ही तैयारी कर ली थी. इसके लिए एक बैठक बुलवा कर डेरे के बड़े कारिंदों की बाक़ायदा ड्यूटी लगाई गई थी. जिसमें किराए पर गुंडे लाने की ज़िम्मेवारी पंचकुला के डेरा इंचार्ज चम्कौर सिंह को सौंपी गई थी.

 

सिरसा में हुई थी बैठक

 

हनीप्रीत ने पुलिस को बताया "17 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा के सिरसा मुख्यालय में मौजूद सभी लोगों की ड्यूटियां लगाने के बाद प्लान बनाया गया कि गुरमीत राम रहीम को कस्टडी से छुड़वाकर उसके साथ नेपाल के रास्ते विदेश भाग जाऊंगी. इसी योजना के तहत मैं अपना और पिताजी का पासपोर्ट, डेरा गोपनीय, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, कई बैंक्स की चेक बुक और क्रेडिट कार्ड लेकर साथ आई थी. ये सारा सामान एक अटैची में रखा था, जो 25 अगस्त को भी साथ थी और उसी कार में रखा गया था, जिसमें गुरमीत राम रहीम को पंचकुला लाया जा रहा था."

 

कामयाब नहीं हुआ प्लान

 

लेकिन बाबा के साथ विदेश में बसने का प्लान कामयाब नहीं हो पाया और हनीप्रीत अटैची के साथ 25 अगस्त की ही रात वापिस डेरा में लौट आई. वह 27 अगस्त को दस्तावेजों की अटैची लेकर जयपुर को रवाना हुई. उससे पहले उसने अपना लैपटॉप और एप्पल मोबाइल फ़ोन विपसना इंसा को सौंपा था.

 

बाबा को जेल भेजने का बदला लेना चाहती थी हनी

 

हनीप्रीत ने पुलिस को बताया है कि उसने और ड़ा. आदित्य इंसा समेत देशद्रोह मामले के सभी आरोपियों ने बाबा का बदला लेने के लिए भारत को विश्व के मानचित्र से मिटाने की कसम खाई थी. खुद को देशप्रेमी कहने वाले बाबा और उसकी बेबी के खुलासे ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. हनीप्रीत विदेश में बस कर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होकर भारत का नाम मिटाना चाहती थी. ये खुलासा पुलिस की चार्जशीट में हुआ है.

 

देशभर से बुलाए थे समर्थक

 

उधर, हनीप्रीत और उसके गुंडों की टीम ने हरियाणा और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए. डेरा गैंग ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब आदि राज्यों से लाखों की संख्या में समर्थक बुला कर उनको लाठियां, डंडे, पठार, पेट्रोल, डीजल और पैसा मुहैया करवाया. फिर उन लोगों को पंचकुला की सड़कों पर बैठा दिया ताकि सरकार और कोर्ट दबाव में आकर गुरमीत राम रहीम सिंह को छोड़ दें.

 

पुलिस पर हमले की साजिश

 

चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि डेरा गैंग ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमला बोलने का प्लान भी बनाया था. डेरा में मौजूद समर्थकों को हथियार और लाठियां, डंडे, डीजल और पेट्रोल मुहैया करवाया गया था.

 

हिंसा के लिए काले धन का इस्तेमाल

 

पुलिस चार्जशीट में सामने आया है कि हनीप्रीत ने डेरा में जमा काला धन पंचकुला हिंसा पर खर्च करवाया था. गुरमीत राम रहीम की गुफा में इकट्ठा किए गए 1.25 करोड़ रुपये गुरमीत राम रहीम के निजी सचिव राकेश ने पंचकुला सच्चा सौदा के नाम चर्चा घर के इंचार्ज चम्कौर सिंह को सौंपे थे. डेरा से प्राप्त 1.25 करोड़ रुपये की राशि में से 25 लाख रुपये आदित्य इंसा, 25 लाख पवन इंसा, 25 लाख गोभी राम, 18 लाख राम सिंह और 7 लाख रुपये गुरमीत राम रहीम के अधिकारियों को दिए गए थे. इसके अलावा 25 लाख रुपये पंचकुला के सेक्टर 12 की बेसमेंट में छिपा कर रखे गए थे. जिसमें से पुलिस ने 24 लाख, 80 हजार, 500 रुपये बरामद कर लिए थे.

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