शाम छह बजे की जगह रात में 3 बजे पहुंची जबलपुर अटारी

ग्वालियर। रेलवे आज की आधुनिक तकनीक पर भरोसा करने के बजाए परंपरागत साधनों से ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इसी वजह से पश्चिम मध्य रेल यात्रियों को गाड़ी नं. 01707 अटारी स्पेशल के साढ़े 7 घंटे बाद री-शेड्यूल किए जाने की खबर नहीं दे पाया। नतीजा यह हुआ कि इस ट्रेन का आरक्षित टिकट लेने वाले कई यात्रियों ने शनिवार की शाम से रात तक अपने घर या होटल से स्टेशन का फासला बार-बार तय किया। वहीं पश्चिम मध्य रेल की सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित ने स्पेशल ट्रेन को री-शेड्यूल करके चलाने को बेहद सामान्य घटनाक्रम बताया है। जबकि जवाबदेह अधिकारी का बयान साफ करता है कि रेलवे बोर्ड के निर्देश पर यात्रियों को विभिन्न सुविधाओं का कितना लाभ मिल रहा है। रेलवे स्टेशन में यात्रियों की भीड़ जमा होने का कारण ट्रेन का कई घंटे इंतजार करना है। इसमें गौर करने वाली बात है कि रेल प्रशासन ट्रेन का आरक्षित टिकट देते समय यात्री का मोबाइल नंबर लेता है। रेलवे अपने यात्री को इस नंबर पर ट्रेन री-शेड्यूल या लेट होने की एसएमएस से सूचना भी दे सकता है। शनिवार की शाम को जबलपुर से अटारी की ओर जाने वाली जबलपुर अटारी एक्सप्रेस का आने समय शाम 6 बजे का है, लेकिन यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से 9 घंटे की देरी से रात्रि 3 बजे ग्वालियर पहुंची। जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं कई यात्रियों ने तो अपनी यात्रा ही रद्द कर दी थी।

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