सड़क दुर्घटना की स्थिति में मृतक के आश्रितों को पांच लाख देगी नीतीश सरकार, घायलों को ढाई लाख

पटना । बिहार में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नीतीश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं, सड़क दुर्घटना की स्थिति में मृतक के आश्रितों को 5 लाख जबकि गंभीर रूप से घायल को ढाई लाख रुपए मुआवजा के तौर पर प्रदान करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही अब मृतक के आश्रित या घायल व्यक्ति को इस बात का प्रमाण देना जरूरी नहीं होगा कि दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने के दौरान गाड़ी मालिक या फिर उस पर सवार व्यक्ति से कोई गलती हुई है। इसके लिए बिहार मोटर गाड़ी संशोधन नियमावली के तहत बने सहायता कोष में 50 करोड़ की राशि हर वक्त जमा रहेगी। बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा इसके अलावा अलग से भी राशि उपलब्ध कराई जानी है। नीतीश कैबिनेट ने इस फंड के लिए पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है जिसके बाद नियमावली के प्रारूप का प्रकाशन करते हुए इसके लिए 1 महीने में दावा और आपत्ति मांगी गई है। परिवहन विभाग इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर देगा। नए प्रावधान के अनुसार मुआवजे के भुगतान के लिए जिले के संबंधित एसडीओ को दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।
एसडीओ सड़क दुर्घटना के बाद संबंधित थानाध्यक्ष के साथ ही संबंधित अस्पताल के प्रभारी और जिला पदाधिकारी से मिली जानकारी या प्रतिवेदन के आधार पर मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई करेंगे। आवेदन मिलने के बाद डीएम को एसडीओ द्वारा अनुशंसा की जाएगी और अंतिम अधिकार डीएम को ही होगा जिनके पास मुआवजा राशि की जिम्मेवारी होगी। डीएम से स्वीकृति मिलते ही जिला परिवहन पदाधिकारी जिसे जिला सड़क सुरक्षा समिति के सचिव की जिम्मेवारी दी गई है वह व्यक्ति की पहचान कर मुआवजा राशि का भुगतान करेंगे। बता दें कि अभी तक कम से कम एक व्यक्ति की मौत और साथ में एक व्यक्ति के गंभीर रूप से घायल होने पर ही दिया जाता था लेकिन अब इस व्यवस्था को खत्म करते हुए आपदा प्रबंधन की जगह बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा राज्य स्तर पर दावा न्यायाधिकरण का भी गठन किया जाएगा। यह न्यायाधिकरण परिवहन विभाग के अधीन काम करेगा जिसमें परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण सक्षम न्यायाधिकरण होगा।

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