सप्तपर्णी और गुलमोहर के पौधों का रोपण

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान श्यामला हिल्स, भोपाल में सप्तपर्णी और गुलमोहर के पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी ने भी पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौधारोपण के साथ ही श्रमदान भी किया।

गुलमोहर और सप्तपर्णी का महत्व

गुलमोहर को विश्व के सुंदरतम वृक्षों में से एक माना जाता है। गुलमोहर की पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल, इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। गर्मी के दिनों में गुलमोहर के पेड़ पत्तियों की जगह फूलों से लदे हुए रहते हैं। यह औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। सप्तपर्णी, एक सदाबहार औषधीय वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में बहुत महत्व है। इस औषधीय पौधे का उपयोग विभिन्न दवाओं के निर्माण में किया जाता है।

पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी का परिचय

साहित्यकार डॉ. कपिल तिवारी वर्ष 2021 में पद्मश्री से सम्मानित हुए हैं। डॉ. तिवारी का जन्म सागर में हुआ था। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े डॉ. तिवारी ने लोक संस्कृति साहित्य से संबंधित 93 पुस्तकों का संपादन किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश में आदिवासी एवं लोक कलाओं और लोक कलाकारों के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के देवलोक पर केन्द्रित दो मोनोग्राफ का संपादन किया, जो गौड और कूरकू जनजाति पर केन्द्रित है।

डॉ. तिवारी जनजातीय लोककला अकादमी संस्कृति विभाग में 30 वर्ष तक निदेशक रहे हैं। संस्कृति विभाग में डॉ. तिवारी ने अविभाजित मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों से होनहार लोक कलाकारों को खोजकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया। डॉ. तिवारी के प्रयासों से मध्य प्रदेश की लोक संस्कृति और कलाओं को एक अलग पहचान मिली। उन्होंने लोक कलाओं पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं। केंद्र सरकार ने डॉ. तिवारी को 2021 में पद्मश्री से अलंकृत किया है।

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