सर्जिकल स्ट्राइक या लिमिटेड एक्शन, पुलवामा का बदला कैसे लेंगे मोदी?

नई दिल्ली,  पुलवामा में जैश के आतंकी हमले में अबतक CRPF के 37 जवान शहीद हो चुके हैं. ढाई साल बाद भी उरी का वो आतंकवादी हमला हिंदुस्तान की आंखों में लहू उतारने के लिए काफी है. उस कायराना हमले ने हिंदुस्तान को हिला दिया था. अब ये गूंज उठी कि कब तक हिंदुस्तान अपने जवानों का बलिदान यूं ही देखता रहेगा. तब हमारे जांबाजों ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक पर आतंकवाद का फन कुचलने का दावा किया था. लेकिन पुलवामा में ढाई हजार जवानों के काफिले को निशाना बनाकर जैश ने उरी से भी बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे दिया और अब देश के दुश्मनों ने एक बार फिर मानो सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट-2 को न्योता दे दिया.

पुलवामा हमले पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में हमारी सेना तैनात है, उस इलाके का रिव्यू करना चाहिए. जिस रणनीति को आतंकी अपना रहे हैं, उसको ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करनी पड़ेगी. इसके अलावा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का बहुत प्लान सेना के पास है. सरकार जानती है कि कब और कैसे इसका जवाब देना है. सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कई ऑप्शन है. भावुलपुर के अंदर जो जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, वहां पर स्ट्राइक की जा सकती है. उनके ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड पर कार्रवाई हो सकती है.

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि अब सरकार को तय करना है कि वह कैसे कार्रवाई करेगी. खासतौर पर चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान को कैसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पीएम मोदी और उनके साथी मंत्रियों के बयान से लगता है कि कार्रवाई होगी. हो सकता है कार्रवाई तुरंत न हो, क्योंकि पाकिस्तान इस समय चौकन्ना होगा. हमें इंतजार करना पड़ेगा यह कार्रवाई करने के लिए. उन्होंने कहा कि अगर हम ज्यादा प्रेशर अवाम के ऊपर डालेंगे तो इसका बुरा असर भी पड़ सकता है. ऑपरेशन बहुत सोच समझकर चलाना पड़ता है, ताकि आतंकी भी मारे जाए और अावाम के ऊपर फर्क न पड़े.
रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर) जीडी बख्शी ने कहा कि पाकिस्तान की फौज को कूटनीतिक और आर्थिक बातें नहीं समझ आती है. हमें पाकिस्तान से उसी भाषा में बात करनी होगी, जो भाषा उसे समझ आती है. वो ताकत की भाषा है, जिसे अभी तक सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया है. जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो हम लोग खुश थे. हमें उम्मीद थी कि कम से कम 5-6 स्ट्राइक होगी, लेकिन पहली सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लंबा फुल स्टॉप लगा दिया गया और जश्न मानना शुरू कर दिया गया. हमें एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि उसे दर्द हो. इस बीच अगर हम बड़ी कार्रवाई करते हैं तो आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान टूट जाएगा.

इस घटना के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह काफी गुस्से में थे. उनके साथ चलने वाले सूत्रों ने बताया कि इतना कभी गृहमंत्री गुस्से में नहीं दिखे. हमले के बाद मीडिया से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझते हैं और देश की जनता को यह भरोसा देते हैं कि इस घटना जो भी कार्रवाई करना आवश्यक है, उसे करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

जैश का इतिहास

– 18 सितंबर 2016 को उरी में जैश ने ही आतंकी हमला किया था जिसमें 19 जवान शहीद हुए.

– उससे पहले जैश-ए-मोहम्मद ने 2 जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट स्थित वायु सेना ठिकाने पर आतंकी वादी हमला किया जिसमें 7 जवान शहीद हुए और एक आदमी मारा गया.

– 13 दिसंबर 2001 में संसद पर हमले के लिए भी ज़िम्मेदार भी जैश ही था, जिसमें 9 लोगों की जान गई थी.

– उसी साल 1 अक्टूबर को जम्मू और कश्मीर विधानसभा पर जैश ने ही आतंकवादी हमला किया था जिसमें 38 लोगों की जान गई थी.

जिस सर्जिकल स्ट्राइक की धूम पूरी दुनिया में मचाई गयी, अब वो घड़ी आ गई है कि सरकार उसका विस्तार करे. वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि जवानों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. तो फिर अबकी बार होना चाहिए जैश पर सीधी सर्जिकल स्ट्राइक.
 

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