सहारनपुर हिंसा: इंटरनेट सर्विस बंद, आला अधिकारी सस्पेंड

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने मोबाइल प्रदाता कंपनियों को मैसेज व सोशल मीडिया पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। यहां वुधवार को दिन में जिलाधिकारी एनपी सिंह ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मैं निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि टेलीकाम प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध इंटरनेट, मैसेजिंग एवं सोशल मीडिया का प्रयोग असामाजिक तत्व अफवाह और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने में कर रहे हैं।’’

इंटरनेट सर्विस बंद
एनपी सिंह ने कहा, ‘‘धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए दूरसंचार प्रदाता कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क में उपलब्ध सभी इंटरनेट मैसेजिंग एवं सोशल मीडिया की सुविधाओं पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई जाती है।’’ जिलाधिकारी सिंह को वुधवार रात उनके पद से हटा दिया और उनके स्थान पर प्रमोद कुमार पाण्डेय को नियुक्त किया गया है।

आला अधिकारियों पर गिरी गाज
23 मई को बसपी सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर दौरे के बाद वहां के हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए। मायावती की जनसभा से लौट रहे दलितों पर अैटक किया गया। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। जबकि करीब 15 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद योगी सरकार ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया. डीएम और एसएसपी को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि डीआईजी और डीसी का तबादला कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इलाके में तनाव होने के बावजूद मायावती को वहां जाकर लोगों से मिलने की परमिशन दी गई जबकि इंटेलिजेंस इनपुट में किसी भी राजनैतिक रैली का आयोजन न करने की चेतावनी दी गई थी।

यह है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था। इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्त्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था।

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