सेना की तीनदिवसीय कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से दिल्ली में

नई दिल्ली । साल में दो बार होने वाला सेना के कमांडरों का सम्मेलन इस बार दिल्ली में आज यानि 27 मई से 29 मई तक साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में होगा। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रही तनातनी का मुद्दा कमांडर्स के बीच चर्चा में उठ सकता है।

यह सम्मेलन अप्रैल में होना था लेकिन कोरोना वायरस की महामारी की वजह से नहीं हो पाया था। साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय के आर्मी कमांडर कांफ्रेंस में होने वाले सम्मेलन की अध्‍यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस बार यह सम्मेलन दो हिस्सों में होगा। पहला हिस्सा बुधवार से शुकवार तक यानी तीन दिन चलेगा। इसके बाद जून के आखिरी हफ्ते में सम्मेलन का दूसरा हिस्सा होगा।

सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन के पहले चरण में लॉजिस्टिक्स और मानव संसाधन से संबंधित अध्ययन सहित परिचालन और प्रशासनिक मुद्दों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में भारतीय सेना का शीर्ष स्तर का नेतृत्व मौजूदा उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियों पर विचार‑मंथन करेगा और भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तय करेगा। सेना के मुताबिक भारतीय सेना की योजना, निष्पादन प्रक्रिया, उचित परिश्रम सुनिश्चित करने के लिए सेना कमांडरों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कॉलेजिएट प्रणाली के माध्यम से निर्णय लिया जाता है।

चूंकि यह सम्मेलन पहले से निधारित था, इसलिए इसका चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रही तनातनी से कोई संबंध नहीं है। हालांकि पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ जारी तनाव के बीच यह मुद्दा कमांडर्स के बीच चर्चा में आ सकता है। इसके अलावा कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान की समीक्षा और देश के सुरक्षा हालात का आकलन भी इस दौरान किया जाएगा।

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