स्टैंडिंग कमिटी के कड़े सवाल, मनमोहन बने उर्जित की ‘ढाल’

नई दिल्ली
नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल को बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी ऑफ फाइनैंस के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। हालांकि स्टैंडिंग कमिटी में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कुछ पेचीदा सवालों पर आरबीआई गवर्नर का बचाव भी करते नजर आए। आरबीआई के गवर्नर रह चुके पूर्व पीएम ने स्टैंडिंग कमिटी के सामने उर्जित पटेल को वैसे सवालों का जवाब देने से रोका जिससे बाद में सर्वोच्च बैंक के लिए मुश्किल पैदा हो जाए।

 

स्टैंडिंग कमिटी में कांग्रेस के एक सांसद ने पटेल से पूछा कि अगर पैसे निकालने पर मौजूदा रोक हटा ली जाती है तो क्या अव्यवस्था पैदा हो जाएगी? इस सवाल पर पूर्व पीएम सिंह ने पटेल को सलाह देते हुए कहा, 'आपको इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहिए।' हालांकि पटेल ने कमिटी को बताया कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ की नई करंसी आ चुकी हैं। बैंकों में कितनी नई करंसी जमा की गई, इस सवाल पर उर्जित पटेल खामोश रह गए।

उल्लेखनीय है कि पूर्व पीएम नोटबंदी को 'संगठित लूट' बता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि नोटबंदी से देश का जीडीपी 2 फीसदी तक गिर सकती है। केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को सरकार ने जब नोटबंदी का फैसला किया तो 500 व 1000 रुपये के नोटों के रूप में 15.44 लाख करोड़ वैल्यू की करंसी का अनुमान जताया गया था।

उर्जित पटेल को 20 जनवरी को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के सामने भी पेश होना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थामस की अध्यक्षता वाली पीएसी भी नोटबंदी पर उर्जित पटेल से सवाल करेगी। केवी थॉमस पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर समिति उर्जित के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई तो उसके पास पीएम को भी तलब करने का अधिकार है।

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