स्पेशल ट्रेन से सफर, कहीं रास्‍ते में ना मन जाए दिवाली

त्योहारों पर अगर आप भारतीय रेल की विशेष ट्रेनों के भरोसे बैठे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. कहीं ऐसा न हो कि आप ट्रेन में ही बैठे रह जाएं और त्योहार आकर चला जाए. फिलहाल भारतीय रेल की यही सच्चाई है. रेलवे की जो ट्रेनें त्योहार स्पेशल के नाम से चल रही हैं उनमें से लगभग सभी ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं. आलम ये है कि कुछ ट्रेनें 30 घंटे तक की देरी से चल रही हैं. बिहार के भागलपुर से दिल्ली के आनंद विहार तक चलने वाली 04001 स्पेशल ट्रेन को ही देखें तो ये पूरे 30 घंटे की देरी से रविवार को दिल्ली पहुंची है.

कुछ और आंकड़ों पर गौर करें तो
>04004 आनंद विहार-पटना स्पेशल सोमवार को 11 घंटे की देरी से पटना पहुंची
>04403 बरौनी से नई दिल्ली के बीच चलाई गई यह स्पेशल ट्रेन रविवार की जगह सोमवार को साढ़े 8 घंटे की देरी से नई दिल्ली स्टेशन पहुंची

>04405 दरभंगा- दिल्ली स्पेशल ट्रेन रविवार को साढ़े 12 घंटे की देरी से दिल्ली पहुंची
>03502 आनंद विहार- जसीडीह स्पेशल रविवार को 12 घंटे की देरी से मंजिल तक पहुंची
>02265 सियालदह- आनंद विहार स्पेशल रविवार को 8 घंटे की देरी से पहुंची
>03501 जसीडीह- आनंद विहार स्पेशल शनिवार को 9 घंटे की देरी से पहुंची
>04011 बनारस- आनंद विहार शनिवार को 7 घंटे की देरी से पहुंची
>04404 शनिवार को यह ट्रेन 9 घंटे की देरी से नई दिल्ली से बरौनी पहुंची
>04424 आनंद विहार- सहरसा स्पेशल सोमवार को सहरसा जाते हुए आधे सफर में ही 12 घंटे लेट हो चुकी है.

ये तो महज़ कुछ ट्रेनों के उदाहरण हैं. त्योहारों पर चलने वाली विशेष ट्रेनों में शायद ही कोई ट्रेन है जो अपने समय पर चल रही है. यह आलम तब है जब इन ट्रेनों में सामान्य से 30 फ़ीसदी ज़्यादा किराया देना पड़ रहा है. भारतीय रेल ने इस साल त्योहारों के दौरान 4000 नई ट्रेनें (फेरे) चलाने का ऐलान किया है. उस दौरान यह भी दावा किया गया कि स्पेशल ट्रेनों को समय पर चलाने की सारी कोशिशें की जाएगी और ट्रेन में मुसाफिरों को हर तरह की सुविधा दी जाएगी. लेकिन मुसाफिरों को हक़ीकत में क्या मिला है ये सबके सामने है.

स्पेशल ट्रेन से सफर, कहीं रास्‍ते में ना मन जाए दिवाली

त्योहारों पर अगर आप भारतीय रेल की विशेष ट्रेनों के भरोसे बैठे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. कहीं ऐसा न हो कि आप ट्रेन में ही बैठे रह जाएं और त्योहार आकर चला जाए. फिलहाल भारतीय रेल की यही सच्चाई है. रेलवे की जो ट्रेनें त्योहार स्पेशल के नाम से चल रही हैं उनमें से लगभग सभी ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं. आलम ये है कि कुछ ट्रेनें 30 घंटे तक की देरी से चल रही हैं. बिहार के भागलपुर से दिल्ली के आनंद विहार तक चलने वाली 04001 स्पेशल ट्रेन को ही देखें तो ये पूरे 30 घंटे की देरी से रविवार को दिल्ली पहुंची है.

कुछ और आंकड़ों पर गौर करें तो
>04004 आनंद विहार-पटना स्पेशल सोमवार को 11 घंटे की देरी से पटना पहुंची
>04403 बरौनी से नई दिल्ली के बीच चलाई गई यह स्पेशल ट्रेन रविवार की जगह सोमवार को साढ़े 8 घंटे की देरी से नई दिल्ली स्टेशन पहुंची

>04405 दरभंगा- दिल्ली स्पेशल ट्रेन रविवार को साढ़े 12 घंटे की देरी से दिल्ली पहुंची
>03502 आनंद विहार- जसीडीह स्पेशल रविवार को 12 घंटे की देरी से मंजिल तक पहुंची
>02265 सियालदह- आनंद विहार स्पेशल रविवार को 8 घंटे की देरी से पहुंची
>03501 जसीडीह- आनंद विहार स्पेशल शनिवार को 9 घंटे की देरी से पहुंची
>04011 बनारस- आनंद विहार शनिवार को 7 घंटे की देरी से पहुंची
>04404 शनिवार को यह ट्रेन 9 घंटे की देरी से नई दिल्ली से बरौनी पहुंची
>04424 आनंद विहार- सहरसा स्पेशल सोमवार को सहरसा जाते हुए आधे सफर में ही 12 घंटे लेट हो चुकी है.

ये तो महज़ कुछ ट्रेनों के उदाहरण हैं. त्योहारों पर चलने वाली विशेष ट्रेनों में शायद ही कोई ट्रेन है जो अपने समय पर चल रही है. यह आलम तब है जब इन ट्रेनों में सामान्य से 30 फ़ीसदी ज़्यादा किराया देना पड़ रहा है. भारतीय रेल ने इस साल त्योहारों के दौरान 4000 नई ट्रेनें (फेरे) चलाने का ऐलान किया है. उस दौरान यह भी दावा किया गया कि स्पेशल ट्रेनों को समय पर चलाने की सारी कोशिशें की जाएगी और ट्रेन में मुसाफिरों को हर तरह की सुविधा दी जाएगी. लेकिन मुसाफिरों को हक़ीकत में क्या मिला है ये सबके सामने है.

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