हमारा 7 साल का बच्चा भी लड़ेगा… तालिबान के खिलाफ खुद अफगान नागरिकों ने उठाए हथियार

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच आतंकी संगठन तालिबान ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। राजधानी काबुल के आसपास कई इलाकों में तालिबान ने कब्जा जमा लिया है और बीते दो महीनों में सैकड़ों लोगों की हत्याएं हुई हैं। लेकिन इस बीच खुद अफगानिस्तान के लोगों ने ही तालिबानी आतंकियों के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं और तालिबान को चेतावनी दी है कि यदि वह हमले करते हैं तो वे चुप नहीं बैठेंगे। काबुल के उत्तर में स्थित परवान सूबे के रहने वाले 55 साल के दोस्त मोहम्मद सलांगी ने कहा, 'यदि वे लोग हम पर युद्ध थोपते हैं और हमारी महिलाओं का उत्पीड़न करते हैं और संपत्ति कब्जाते हैं तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हमारा 7 साल तक का बच्चा भी हथियार उठाएगा और उनके खिलाफ खड़ा होगा।'

सलांगी उन सैकड़ों लोगों में से एक हैं, जिन्होंने तालिबान के खिलाफ हथियार उठाने का फैसला लिया है। ये लड़ाके अफगानिस्तान की सेना की मदद करेंगे। बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिका ने अपने सैनिकों को दो दशक के बाद वापस बुलाने का फैसला लिया है। तालिबान से छिड़े लंबे संघर्ष का अब तक कोई अंत नहीं दिखा है। इस बीच अमेरिकी सैनिकों की वापसी को देखते हुए तालिबान एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। परवान के ही रहने वाले छात्र फारिद मोहम्मद ने कहा कि हमें अपने देश को बचाना ही होगा। विदेशी सेनाएं छोड़कर जा रही हैं। ऐसे में हमारे पास अब कोई और विकल्प नहीं बचा है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और नाटो देशों ने इसी साल अप्रैल में ऐलान किया था कि वे अपने सैनिकों को सितंबर 2021 तक अफगानिस्तान से वापस बुला लेंगे। यह वापसी 11 सितंबर तक पूरी होनी है। इसी दिन अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले के 20 साल पूरे हो जाएंगे। इस हमले के बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों पर हमला बोला था। इसके तहत अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के 1.5 लाख के करीब सैनिक अफगानिस्तान भेजे गए थे। बता दें कि अफगानिस्तान में तैनात संयुक्त राष्ट्र के राजनियक ने बीते सप्ताह कहा था कि देश के 370 जिलों में से 50 पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है।

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