हर Thursday पढ़ें ये कवच, बनेंगे राजयोग और लेंगे वैभव व ऐश्वर्य का आनंद

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जन्म कुण्डली के आधार पर आपके भूत व भविष्य की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शास्त्रों में कुछ ऐसे ग्रह योग बताए गए हैं जिनसे व्यक्ति के कार्यक्षेत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है। कुंडली में जैसे ग्रह योग होते हैं, व्यक्ति जीवन में वैसा ही कार्य करता है। ध्यान रहे, सफलता व्यक्ति की योग्यता व कर्मों पर निर्भर होती है। राजा के समान जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, जानें राजयोग पाने का रास्ता। पाराशर सिद्धांत पद्धति के अनुसार जन्मकुंडली में ऐसे अनेक प्रभावशाली ग्रह स्थित हैं जो प्रबल राजयोग निर्मित करते हैं। हिन्दू शास्त्रों के आधार पर माना जाता है, गुरु बृहस्पति विद्या, वाणी, ज्ञान के द्वारा व्यक्ति को कुशाग्र बनाकर रईसाना मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा का अधिकारी बनाते हैं।

आप भी सरकारी नौकरी, प्रमोशन अथवा वेतन में बढ़ौतरी चाहते हैं या शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित किसी भी समस्या का हल तो शास्त्रों में बताए गए बृहस्पति कवच का पाठ प्रतिदिन करें। हर रोज ऐसा करने में कठिनाई आ रही हो तो गुरुवार को अवश्य करें और मनचाहे फल पाएं।


बृहस्पति कवच
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञं सुर पूजितम्।
अक्षमालाधरं शान्तं प्रणमामि बृहस्पतिम्।। 
बृहस्पति: शिर: पातु ललाटं पातु में गुरु:।
कर्णौ सुरुगुरु: पातु नेत्रे मेंभीष्टदायक:।।
जिह्वां पातु सुराचायो नासां में वेदपारग:।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कण्ठं मे देवता शुभप्रद:।।
भुजवाङ्गिरस: पातु करौ पातु शुभप्रद:।
स्तनौ मे पातु वागीश: कुक्षिं मे शुभलक्षण:।।
नाभिं देवगुरु: पातु मध्यं सुखप्रद:।
कटिं पातु जगदवन्द्य: ऊरू मे पातु वाक्पति:।।
जानु जङ्गे सुराचायो पादौ विश्वात्मकस्तथा। 
अन्यानि यानि चाङ्गानि रक्षेन् मे सर्वतोगुरु:।।
इत्येतत कवचं दिव्यं त्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।
सर्वान् कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत्।।

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