हाईकोर्ट राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका और इस मामले में हस्तक्षेप के लिए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के आवेदन पर बुधवार को सुनवाई करेगा।

चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि हम बुधवार को मामले को देखेंगे। (एनजीओ द्वारा दाखिल) हस्तक्षेप आवेदन को कल रिट याचिका के साथ सूचीबद्ध किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली लंबित याचिका पर यथासंभव दो हफ्ते के अंदर निर्णय किया जाए।

शीर्ष अदालत ने अस्थाना की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले गैर सरकारी संगठन 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) को सदरे आलम की लंबित याचिका में हस्तक्षेप के लिए हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी।

एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर उसकी याचिका का कॉपी-पेस्ट है। भूषण ने कहा कि हमने सीपीआईएल की ओर से एक हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया है। इस मामले में कुछ असाधारण हुआ है। पूरी याचिका कॉपी-पेस्ट है। पूर्ण विराम, अल्पविराम, विस्मयादिबोधक चिह्न सब एक समान हैं। अदालत इसे कल या कभी भी सूचीबद्ध कर सकती है। देखिए कानून की प्रक्रिया का किस तरह का दुरुपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने अदालत को सूचित किया कि अस्थाना की नियुक्ति के लिए एनजीओ की चुनौती को कोर्ट ने अंतिम अवसर पर स्थगित कर दिया था और उनका यहां एक और याचिका दायर करने का इरादा नहीं है।

आलम ने कहा कि उनकी याचिका उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि वर्तमान उदाहरण प्रतिस्पर्धी जनहित याचिका का मामला है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक अस्थाना को 31 जुलाई को सेवानिवृत्त से चार दिन पहले 27 जुलाई को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1984 बैच के अधिकारी राकेश अस्थाना को गुजरात कैडर से एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित क्षेत्र) कैडर में लाया गया था।

हाईकोर्ट में अपनी याचिका में आलम ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्त करने के गृह मंत्रालय द्वारा जारी 27 जुलाई के आदेश और अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति और उन्हें सेवा विस्तार देने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है। वकील बी.एस. बग्गा के माध्यम से दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले जारी निर्देश के अनुसार, सख्ती से कदम उठाने का आग्रह किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह मामले में कुछ शर्तें तय की थीं कि अनुशंसा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के जरिये होनी चाहिए और नियुक्ति के समय अधिकारी का सेवाकाल कम से कम छह महीने बचा होना चाहिए। 

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