हेमराज के परिवार को आज भी इंसाफ का इंतजार

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में दोषमुक्त ठहराए गए राजेश और नूपुर तलवार सोमवार को डासना जेल से चार साल बाद जेल से बाहर आए। पुलिस ने तलवार दंपति को नोएडा के जलवायु विहार स्थित नूपुर के माता-पिता के घर पहुंचाया। यह वही इलाका है जहां उनका आवास था, जिसमें 2008 में उनकी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई थी। भले तलवार दंपति जेल से बाहर आ गया हो लेकिन सवाल अब भी वहीं खड़ा है कि आरुषि-हेमराज को मारा किसने और बेकसूर तलवार दंपति ने जितने साल जेल में बिताए, उनकी टीस कैसे कम होगी। इन सबके बीच नेपाल के रहने वाले मृतक हेमराज का परिवार आज भी इंसाफ की राह देख रहा है। हेमराज का परिवार भी यही जानना चाहता है कि उनके बेटे का हत्यारा कौन है।

 

नेपाल के एक गांव में रहने वाले हेमराज बन्जादे के परिवार में एक बुढ़ी बीमार मां, विधवा पत्नी और 18 साल का बेटा है। उसकी बेटी की शादी हो चुकी है। वह अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था। तलवार दंपति के घर नौकरी के दौरान वह जो कमाता था उसे घर भेजता था, उसी पैसों से पूरा परिवार गुजारा करता था लेकिन आज उसके परिवार की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। मां बहुत बीमार रहती है। उसके ही गांव के एक शख्स ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब हेमराज की हत्या हुई तो सभी लोग बड़े स्तब्ध थे। इलाके के लोगों ने एक लाख रुपए इकट्ठे किए और उशके परिवार को दिए लेकिन 9 साल बाद भी परिवार की स्थिति में खासा सुधार नहीं आया बल्कि खराब ही हुआ है। उसके परिवार को न्याय नहीं मिला।

 

उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में बताया था कि तलवार दंपति ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। सीबीआई की थ्योरी थी कि आरुषि और हेमराज शारीरिक संबंध बना रहे थे, उसी वक्त राजेश तलवार ने देख लिया और उसकी हत्या कर दी। सीबीआई की इस दलील को लोअर कोर्ट ने मान कर उम्रकैद की सजा दे दी लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में सारा मामला पलट गया क्योंकि जज ने इस थ्योरी को व्यक्तिगत बताया और तलवार दंपति को रिहा कर दिया।

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