21वीं सदी में शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी 5-6 मार्च को : राज्यमंत्री परमार

भोपाल : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में '21वीं सदी में शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 5 और 6 मार्च को प्रशासन अकादमी में किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने बताया कि संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में इसका आयोजन किया जा रहा है। शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देश भर के प्रख्यात विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शिक्षाविद शिक्षा क्षेत्र के कार्यकर्ता और नीति-निर्माता भाग लेंगे। समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री विनीत जोशी इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि होंगे।

 संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार बीज वक्तव्य देंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा प्रास्ताविक होंगे। 

संगोष्ठी के संयोजक श्री शशि रंजन अकेला ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इसमें नीति में शिक्षक-शिक्षा से जुड़े प्रावधानों पर समग्र चर्चा होगी। यह संगोष्ठी नेतृत्व, शासन और शिक्षक-शिक्षा संस्थानों का विनियमन, पाठ्यचर्या की रूपरेखा, शिक्षक-शिक्षा की गुणवत्ता और मानक विषय पर केंद्रित रहेगी। इसके अंतर्गत चार वर्षीय एकीकृत बी.एड. कार्यक्रम और इसके राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अनुभव एवं सबक, शिक्षक-शिक्षा के परिवर्तन में विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थाओं की भूमिका, शिक्षा संस्थानों में बहुविषय अनुशासन की प्रकृति – अद्यतन एवं संभावनाएं, अकादमिक ढांचा: शिक्षण अभ्यास, विषयों की विशेषज्ञता एवं स्कूल शिक्षा के चरण और अवस्था, शासन और नियामक की शिक्षा के लिए भूमिकाओं का विभाजन, पेशेवर मानक, भारतीय ज्ञान प्रणालियों में अंतर दृष्टि, प्रौद्योगिकी का एकीकरण पर चयनित शोध पत्रों की प्रस्तुति भी होगी। संगोष्ठी में तकनीकी सत्र, पैनल चर्चा, विशेषज्ञों से बातचीत, केस स्टडी एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज की प्रस्तुति भी की जाएगी। राष्ट्रीय संगोष्ठी के विमर्श पर एक सकारात्मक और ठोस रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में शिक्षा से जुड़ी सभी नियामक संस्थाओं को भेजा जाएगा।
 

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