40 लाख की लागत वाला पर्यटन विभाग का इंटरप्रिटेशन सेंटर तालों में, तीन साल में एक भी पर्यटक नहीं आया

उदयपुर। उदयपुर आने वाले पर्यटकों को शहर के पर्यटन स्थलों सहित अन्य डेस्टिनेशन की जानकारी देने के लिए पर्यटक स्वागत केंद्र में 40 लाख की लागत से बनाया गया इंटरप्रिटेशन सेंटर 3 साल से व्यर्थ पड़ा है। पर्यटक स्वागत केंद्र कार्यालय में यूआईटी ने यह केंद्र बनाया था, जिसमें उदयपुर के पर्यटन स्थलों का विवरण, शहर की ईको टूरिज्म साइट्स का विवरण और जानकारियां उपलब्ध कराई जानी थी। मगर यह सेंटर तालों में ही रहता है, किसी पर्यटक को जानकारी देना तो दूर इसे खोला ही नहीं जाता। इस सेंटर में 3 टच स्क्रीन मौजूद हैं। साथ ही आधुनिक डिजाइन का शानदार आर्किटेक्चरल इंटीरियर है। वहीं इसमें शानदार आधुनिक लाइट्स और दो एसी भी हैं। आलम यह है कि पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को पता भी नहीं है कि इस तरह का आधुनिक इंटरप्रिटेशन सेंटर उदयपुर में है।
इंटरप्रिटेशन सेंटर का तीन साल में कोई भी उपयोग नहीं हुआ है। ऐसे में पिछले दिनों पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना ने विभाग को पत्र लिखकर इसका उपयोग करने को कहा है। उन्होंने पत्र में बताया कि फिलहाल विभाग के पास उदयपुर में सिर्फ 3 कर्मचारी हैं। आईटी की जानकारी रखने वाले भी नहीं हैं। जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में भी यह बात उठाई थी, मगर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्णय नहीं लिया है। शिखा सक्सेना ने बताया कि इंटरप्रिटेशन केंद्र का उपयोग नहीं हो रहा है। सरकार को ऐसा कुछ करना चाहिए कि इसका सदुपयोग हो। चाहे तो इसे किसी अन्य सरकारी योजना से भी जोड़ा जा सकता है, पर कम से कम इसका उपयोग होना चाहिए। सीएसआर में अगर कोई कम्पनी भी इसे लेना चाहे तो भी इसका सदुपयोग हो सकता है। लगभग पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर के समय इस केंद्र की योजना तैयार की गई थी। उदयपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को उदयपुर और आसपास के पर्यटन स्थलों की जानकारी और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए इसे स्थापित किया गया था। मगर इंटरनेट के जमाने में ऐसे कई वेबसाइट और एप आ गए हैं जो आसानी से मोबाइल पर ही सारी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में पर्यटक को कहीं जाकर जानकारी लेने की आवश्यकता नहीं होती।

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