60 फीट गहरे बोरवेल से बच्चे को निकालने की कोशिश जारी, होली का त्योहार भी गांव में रहा फीका

हिसार(हरियाणा): हिसार से करीब 28 किलोमीटर दूर गांव बालसमंद में डेढ़ साल के नदीम को बोरवेल से निकाले जाने का कार्य जारी है. बुधवार शाम 7 बजे से रेस्क्यू अभियान चलाया गया है. बोरवेल का हॉल 60 फ़ीट गहरा और 10 इंच चौड़ा है, ऐसे में प्रशासन ने आर्मी और एनआरडीएफ की टीम के सहयोग से बोरवेल से करीब 12 फ़ीट दूर पैरलर गड्डा खुदवाना शुरू किया हुआ है. दोपहर करीब डेढ़ बजे तक 50 फीट तक गड्डा खोदा जा चुका है.

पिता आजम अली ने बताया, ''सुबह के वक्त बेटे के पास टीम ने दूध पहुंचाया था, बच्चे ने दूध पिया भी है. घर पर माहौल शांत है, बच्चे की कमी जरूर खल रही है." राहत अभियान के लिए मौके पर कई जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर मिट्टी हटाई जा रही है. साथ ही बच्चे को किसी प्रकार की सांस लेने में दिक्कत ना हो, इसलिए कल शाम से ही ऑक्सीजन बोरवेल में पाइप के जरिये पहुंचाई गई है. पूरे मामले पर नज़र रखने के लिए स्पाई कैमरे भी लगाए गए है. बच्चे की मूवमेंट के हर पहलू पर स्क्रीन के जरिये नज़र रखी जा रही है. मौके पर डॉक्टरों और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौजूद है.

पेन्डेन्ट झूला भेजा, पर कामयाबी नहीं मिली
एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को पेन्डेन्ट झूला यानी पैराशूट नुमा कैचर से सीधे बोरवेल के रास्ते ही बच्चे को निकालने का प्रयास किया था. हिसार के विधायक डॉ कमल गुप्ता ने बताया कि उस कैचर में बच्चे का कंधा फंस गया था, लेकिन जब निकालने का प्रयास किया गया तो वो निकल गया. उन्होंने बताया कि गड्डा खोदने और पेन्डेन्ट झुले की मदद से भी टीमें जुटी हुई हैं. आपको बता दे कि जब यह कारवाई की जा रही थी, तो एक बार पॉजिटिव संकेत नज़र आने पर मौके पर हलचल भी बढ़ गयी थी. एम्बुलेंस इत्यादि को मुस्तैद कर दिया गया था.
किसान लापरवाही ना बरते
मामले के मद्देनजर काफी संख्या में मौके पर ग्रामीण भी मौजूद रहे. इस बीच नलवा विधायक रणबीर गंगवा भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि किसानों को बोरवेल खुले नहीं छोड़ने चाहिए. लापरवाही के कारण ही इतना बड़ा प्रकरण हुआ है. उन्होंने प्रशासन से ऐसे बोरवेलों को बंद करवाने की मांग की है.

पंचायत चलाएगी अभियान, होली रही फीकी
घटनाक्रम के बाद गांव बालसमंद की पंचायत भी पूरी सक्रिय हो गयी है. गांव के सरपंच महेंद्र सिंह, पंच कालू राम ने कहा कि गांव में आस पास जितने भी खेत है, वहां बोरवेलों को लेकर अभियान चलाएंगे. जहां भी बोरवैल बिना ढके मिलेंगे, उन्हें बन्द करवाया जाएगा. पंचायत इस हादसे के बाद काफी प्रयास में जुटी है. आज पूरे देश मे धूम धाम से होली को फाग खेल कर मनाया गया, लेकिन बालसमंद में ऐसा नहीं हुआ. यहां होली फीकी रही.
कार्रवाई का इंतज़ार, डीसी कह चुके एक्शन होगा
मामले में दोषी के खिलाफ अभी तक करवाई नहीं हो पाई है. हालांकि हिसार के डीसी अशोक मीणा कह चुके हैं कि मामले में लापरवाही बरतने वालों पर करवाई होगी. गांव के सरपंच महेंद्र ने बताया कि जिस जगह पर बोरवेल है, वो पैमाइश होने के बाद पता लगेगा कि जगह किसकी है. लेकिन इतना साफ है कि इसके आस-पास जोहड़ की जमीन है. ऐसे में जगह पंचायत की है या निजी. इसकी पैमाइश होगी, बोरवेल जिसने खुदवाया था, ग्रामीणों ने उसकी अपने स्तर पर पहचान कर ली है.

बेर खाने के चक्कर में हुआ हादसा
बच्चे के पिता आजम अली ने बताया कि ''उसके 5 बच्चे हैं, हादसे स्थल के नज़दीक ही वो खेतों की ढाणी में रहते है. बुधवार शाम के वक्त बच्चे की मां समेत भाई-बहन और डेढ़ साल का नदीम बेरी के पेड़ से बेर खाने के लिए पहुंचे थे. इसी बीच जब उसके अन्य बच्चे और उसकी पत्नी पेड़ से बेर तोड़ रहे थे, तो अचानक नदीम बोरवेल के होल में जा गिरा. हादसे की सूचना गुलशन ने उसे दी, जिसके बाद आजम ने मौके पर पहुंच कर गांव वालों को इक्कठा किया. उसके बाद राहत अभियान शुरू किया गया.

नदीम के परिवार में उसकी 14 साल की बहन संजीदा, 12 साल का भाई समीर, बहन आइना, आयशा है. नदीम सबसे छोटा है. नदीम के पिता मजदूरी का काम करते हैं. मामले का पता चलते ही काफी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर जुटे रहे. वहीं, बताया यह भी जा रहा है कि बोरवेल को पंचायत की जगह पर कुछ दिन पहले खोदा गया था.
 

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