8 मार्च को किसान आंदोलन की बागडोर संभालेंगी महिलाएं
हाथों पर फसल, खेत, खलिहान और किसानों के संघर्ष की रचाएंगी मेहंदी
नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन में अब अनूठा विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किसान महिलाएं न केवल किसान आंदोलन की पूरी बागडोर संभालेंगी बल्कि नए ढंग से विरोध प्रदर्शन भी करेंगी। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध में बैठी महिलाओं की आज हुई बैठक में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मेहंदी लगाकर विरोध जताने का फैसला किया गया है। किसान महिलाओं का कहना है कि यह इंकलाबी मेहंदी होगी। आंदोलन में शामिल महिलाएं अपने हाथों पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे नारे इंकलाबी नारे रचवाएंगी, कृषि उपकरणों जैसे हल आदि के चित्र बनवाएंगी। फसल, खेत, खलिहान और किसानों के संघर्ष को बयां करते स्लोगन हाथों पर लगाएंगी। आठ मार्च के आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहीं महिला किसान नेता रवनीत कौर ने बताया कि इस दिन महिला दिवस पर महिलाओं को विशेष सम्मान देने के साथ ही किसान आंदोलन को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठेंगे। इस पूरे दिन गाजीपुर और सिंधु-टीकरी बॉर्डर पर महिलाएं ही आंदोलन का मंच संभालेंगी। महिलाएं ही भाषण देंगी। इसके अलावा महिला किसान नेता सुनीता टम्टा, नवनीत कौर, राजपाल कौर मंच से भाषण देंगी। मुरादाबाद से भारतीय किसान यूनियन की नेता और जिलाध्यक्ष निर्देश भी आएंगी। फिलहाल महिलाओं को मैसेज भेजे जा रहे हैं। किसान नेता सुनीता टम्टा कहती हैं कि इस दिन किसान महिलाओं को मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाएगा और किसान आंदोलन के अलावा खेत और खलिहान के लिए उनके कार्य को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। ये महिलाएं अपने अनुभवों से देश की अन्य महिलाओं के साथ बांटेंगी। यह दिन पूरी तरह नारी शक्ति को समर्पित होगा। महिलाएं ये दिखाएंगी कि वे किसी भी आंदोलन की अग्रणी नेता हैं।