नहीं रहे कांची पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती, 83 साल की उम्र में निधन
चेन्नई कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती का बुधवार सुबह निधन हो गया है. वह 83 साल के थे. जयेन्द्र सरस्वती को सांस लेने में आ रही दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था, इसी दौरान उनका देहांत हुआ. उनका निधन कांचीपुरम के प्राइवेट अस्पताल में हुआ है. उन्हें 1994 में कांची मठ का प्रमुख बनाया गया था.
18 जुलाई 1935 को जन्मे जयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 69वें शंकराचार्य थे. वह 1954 में शंकराचार्य बने थे. कांची मठ के द्वारा कई सारे स्कूल, आंखों के अस्पताल चलाए जाते हैं. बीजेपी नेता राम माधव ने जयेन्द्र सरस्वती के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह सुधारवादी संत थे, उन्होंने समाज के लिए काफी काम किए. 22 मार्च, 1954 को श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल का उत्तराधिकारी घोषित कर श्री जयेंद्र सरस्वती की उपाधि दी गई थी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती के निधन पर दुख व्यक्त किया है.2014 में हुई कांचीपुरम मंदिर के मैनेजर की हत्या के मामले में जयेन्द्र सरस्वती का नाम आया था. लेकिन 2013 में उन्हें बरी कर दिया गया था. इस मामले में 2004 में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, उन्हें करीब 2 महीने न्यायिक हिरासत में रखा गया था.
बता दें कि कांची मठ कांचीपुरम में स्थापित एक हिन्दू मठ है. यह पांच पंचभूतस्थलों में से एक है. यहां के मठाधीश्वर को शंकराचार्य कहते हैं. कांची कामकोटी पीठ के 69वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का इस पद पर आसीन होने से पहले का नाम सुब्रमण्यम था. उन्हें वेदों के ज्ञाता माना जाता है.