FATF की ‘ग्रे सूची’ में पाक, भारत ने कहा- अब आतंकवाद पर कार्रवायी करे इस्लामाबाद
नई दिल्ली। आतंकवाद के वित्तीय पोषण पर कार्रवाई में विफलता को लेकर धन शोधन विरोधी वैश्विक संस्था (एफएटीएफ) की तरफ से पाकिस्तान को ‘ग्रे’ लिस्ट में डालने के बाद भारत ने शनिवार को कहा कि वह अब इस बात की उम्मीद कर रहा है कि इस्लामाबाद अब आतंकवाद पर दुनिया की चिंताओं को देखते हुए आवश्यक क़दम उठाएगा।
इसके साथ ही, भारत ने पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान को ‘ग्रे’ लिस्ट में डालने के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही, उम्मीद जताई है कि वैश्विक निगरानी संस्था की तरफ से सुझाए गए एक्शन प्लान पर वह देश निश्चित समय-सीमा के भीतर काम करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा- “हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि आतंकवाद को लेकर वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाले किसी भी हिस्सा से पैदा हो रहे आतंकवाद पर निश्चित समय-सीमा के भीतर क़दम उठाएगा।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान की तरफ से किए गए तमाम कूटनीतिक प्रयास की एफएटीएफ के फैसले को पलट दिया जाए, उसके बावजूद इस्लामाबाद को 27 जून को आतंकवाद के वित्तीय पोषण पर कार्रवाई में विफल रहने के चलते आधिकारिक तौर पर ‘ग्रे लिस्ट’ डाल दिया गया।
पाकिस्तान के साथ इस लिस्ट में इथियोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, त्रिनिदाद, टोबागो, ट्यूनीशिया और यमन भी शामिल है। पेरिस में एफएटीएफ के प्लेनरी सेशन में यह फैसला लिया गया। वैश्विक संस्था ने आतंकवाद के वित्तीय पोषण विरोधी एक एक्शन प्लान की सिफारिश की है। इसके साथ ही, संस्था की तरफ से कुछ महीने के बाद उसके क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी।
पहले भी रह चुका है 'ग्रे लिस्ट' में पाकिस्तान
2012 से 2015 तक की अवधि में भी पाकिस्तान को एफएटीएफ की 'ग्रे सूची' में रखा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ यह प्रक्रिया फरवरी 2018 में शुरू हुई थी जब एफएटीएफ ने अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह के तहत निगरानी के पाकिस्तान के नामांकन को मंजूरी दी थी। इसे ग्रे सूची के नाम से जाना जाता है। एफएटीएफ का गठन 1989 में धनशोधन , आतंकवादियों के वित्तपोषण पर रोक और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को अन्य खतरों से बचाने के उपाय करने के लिए किया गया था।