Amazon CEO जेफ बेजोस को इस शख्स ने बनाया सबसे अमीर आदमी

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेजन (Amazon) के सीईओ जेफ बेजोस ने अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ यादगार पलों को साझा किया है. जेफ बेजोस ने अपनी सफलता का श्रेय पिता को देते हैं. वह कहते हैं उनके पिता माइक बेजोस अमेरिका के रहने वाले नहीं थे. वह 16 साल की उम्र में क्यूबा छोड़कर फ्लोरिडा आ गए. जेफ के अनुसार उनके पिता माइक 1962 में अकेले अमेरिका आए और वह टूटी-फूटी अंग्रेजी ही बोल पाते थे. लेकिन उन्‍होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी.

पिता की बदौलत यह मुकाम हासिल किया
पिता के दृढ़ निश्‍चय की बदौलत ही आज मैंने यह मुकाम हासिल किया है और हम जिंदगी के सुनहरे पल देख रहे हैं. जेफ ने कहा कि मेरे पिता अमेरिका एक सपना लेकर आए थे और वह सच हुआ. मैंने अमेजन (Amazon) जैसी कंपनी की नींव रखी और सबसे ज्‍यादा दौलतमंद होने का खिताब पाया. इस मौके पर जेफ ने अपने पिता की याद में ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है.

16 साल की उम्र में अमेरिका आ गए
जेफ ने अपने ट्वीट में बताया कि जब उनके पिता महज 16 साल के थे, तो उसी समय उनके पिता क्यूबा से अमेरिका आ गए थे. उस समय वह अंग्रेजी भी ठीक से नहीं बोल पाते थे. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे स्पैनिश भाषा सीखी. इसके बाद उन्होंने अमेरिका के लोगों के साथ कदम से कदम मिलाने की कोशिश की.

वीडियो शेयर कर पिता की जिंदगी को सेलिब्रेट किया
जेफ ने अपने पिता की जिंदगी के सफर को सेलिब्रेट करने के लिए यह ट्वीट और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. जेफ ने कहा कि अमेरिका में मे‍रे पिता का जीवन यापन इस बात का गवाह है कि लोग कैसे एकदूसरे की मदद करते हैं. हमने इसे स्‍टेच्‍यु ऑफ लिबर्टी के नए म्‍यूजियम की ओपनिंग पर सेलिब्रेट भी किया.

माइक मेरे असली पिता नहीं : जेफ
जेफ ने एक और खुलासा किया कि माइक बेजोस उनके असली पिता नहीं हैं लेकिन उन्होंने मुझे अपना नाम दिया. जेफ ने बताया कि जब उनकी उम्र 4 साल की थी तब उनकी मां जैकलीन गिसे ने माइक बेजोस से शादी की. जब मेरे पिता अमेरिका आए थे तो उनके पास मात्र 3 शर्ट, 3 पैंट और एक जोड़ी जूता था.

मैक्डोनाल्ड में की थी पहली नौकरी
जेफ बेजोस ने अपनी पहली नौकरी मैक्डोनाल्ड में की थी. 16 साल की उम्र में उन्हें पहली बार सफाई का काम मिला. वो जमीन पर पड़े कैचअप को साफ करते थे. यह काम उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन गर्मियों की छुट्टियां होने के कारण उन्होंने उस काम को किया. यहां से मिली सीख को उन्होंने आगे चलकर अपनी कंपनी में लागू किया. नौकरी के समय वह अपने नानी-नाना के साथ रहते थे.
 

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