BHU: छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का निर्देश, कुलपति बोले- कुछ बाहरी छात्र दे रहे हवा

सर्व विद्या की राजधानी बीएचयू में खराब हुए माहौल को संभालने की कोशिश जारी है। बीती रात लाठीचार्ज के बाद भी रविवार सुबह से छात्र-छात्राओं का आंदोलन जारी है। इसी बीच विश्वविद्यालय को दो अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। एमएमवी सहित कई हॉस्टलों को खाली का निर्देश दिया चुका है।
तनाव की स्थिति को देखते हुए बीएचयू में चार जिलों की भारी पुलिस फोर्स तैनात है। तमाम बड़े प्रसाशनिक पदाधिकारियों ने शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील है। बीएचयू की घटना पर सीएम योगी भी नजर रखे हुए हैं।

इस बीच. इस मामले पर बीएचयू के कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। पहली बार मीडिया के सामने आने के बाद कुलपति ने कहा है कि छात्रों को शुरुआत में शिकायत विश्वविद्यालय से थी लेकिन अब वो बात नहीं है। कुछ असमाजिक तत्व विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

विश्वविद्यालय और छात्राओं की सुरक्षा से हम भी सहमत हैं। इसके लिए प्रयास भी किये जा रहे हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने छात्राओं के आंदोलन पर कहा कि बड़ी मात्रा में बाहर से आकर लोग इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं।

सीएम योगी ने वाराणसी कमिश्नर से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर के भारद्वाज ने बीएचयू में हुए घटना पर दुख व्यक्त करते हुए छात्र छात्राओं एवं उनके अभिभावको से शांति की अपील की है।

 उन्होंने कहा कि इस संबंध में बीएचयू प्रशासन से वार्ता कर समस्या का समाधान सुनिश्चित कराने का अभी जिला प्रशासन प्रयास करेगा लेकिन छात्र-छात्राएं पूरी संयम एवं शांति बनाए रखें।

विश्वविद्यालय के समर्थन में आगे आए प्रबुद्ध

 

वाराणसी के डीएम, कमिश्नर और एसएसपी बीएचयू के कुलपति से मिलने पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि आईजी रेंज वाराणसी और डीआईजी भी आने वाले हैं। सभी कुलपति के संग बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।  

कमिश्नर ने महिला महाविद्यालय पहुंचकर वहां मौजूद छात्राओं से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। बीएचयू कैंपस में दो दिन से चल रहे धरना-प्रदर्शन से बिगड़े माहौल पर कुछ प्रबुद्ध लोगों ने दुख जताया है।

डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह की पहल पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें लोगों ने बीएचयू प्रशासन का समर्थन किया है। पद्मभूषण और लोक सेवा आयोग सदस्य प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी, केंद्रीय तिब्बती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रो. देवराज सिंह, काशी विद्यापीठ से संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों के संगठन के अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद सिंह, डीएवी पीजी कॉलेज प्रबंधक अजीत सिंह यादव, अग्रसेन पीजी कॉलेज के प्रबंधक अनिल जैन, आर्य महिला पीजी कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रचना सिंह आदि ने अपना बयान जारी कर महामना की इस बगिया का माहौल बिगाड़ने को साजिश बताया है। 
 

Leave a Reply