BHU छात्राओं पर आधी रात को लाठीचार्ज, छावनी में तब्दील कैंपस, 2 अक्टूबर तक छुट्टी की घोषणा

छात्रा के साथ छेड़खानी के विरोध में दो दिन से चल रहे धरना-प्रदर्शन के बाद शनिवार की देर रात बीएचयू परिसर सुलग उठा। रात 10 बजे वीसी आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्रों पर सुरक्षा गार्डों और पुलिस ने लंका गेट, महिला महाविद्यालय के सामने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें आधा दर्जन छात्रों को चोटें आईं।
इसके बाद छात्रों का गुस्सा बेकाबू हो गया। लाठीचार्ज के जवाब में छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे कुछ सुरक्षा गार्ड भी घायल हो गए। रात 12.15 बजे हॉस्टल से ताबड़तोड़ 8 पेट्रोल बम फेंके गए। हॉस्पिटल में घुसकर पथराव किया, इससे मरीजों-तीमारदारों में भगदड़ मच गई। लंका चौराहे पर पुलिस कर्मियों को छात्रों ने दौड़ाया।

सिंहद्वार के बाहर खड़ी मोटरसाइकिलों को आग लगा दी, पुलिस बूथ उखाड़ दिया। 23 थानों की फोर्स, एक दर्जन वज्र वाहन और 5 कंपनी पीएसी परिसर में बुला ली गई। पूरी घटना में बीएचयू प्रशासन की घोर लापरवाही मानी जा रही है। उधर, तनाव को देखते हुए 25 सितंबर के बजाए तीन दिन पहले से ही विश्वविद्यालय में 2 अक्तूबर तक के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई।

इससे पहले एलबीएस हॉस्टल के पास जहां छात्रों ने कुलपति की हठवादिता के खिलाफ पीएम मोदी की होर्डिंग्स में आग लगा दी थी। परिसर में खड़ी तीन स्कूटी भी फूंक दी। उधर, घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे और और 18 राउंड हवाई फायरिंग भी की। छात्रों के उपद्रव के दौरान डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एसओ लोहता समेत तीन पुलिसकर्मी, बीएचयू के तीन सुरक्षागार्ड, सात छात्र और कुछ पत्रकार घायल हो गए। गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।

लाठीचार्ज से भड़का छात्रों का गुस्सा

 

रात करीब दस बजे तक तो सब ठीक चल रहा था लेकिन मामला वहां से बिगड़ा जब छात्र कुलपति आवास पर उनसे मांग करने गए थे। यहां सुरक्षा गार्डों ने उन्हें भगाने के लिए लाठीचार्ज किया, इसके बाद से ही गुस्सा भड़क गया।

उधर, इसकी सूचना मिलते ही पास के हॉस्टलों से छात्र सड़क पर आ गए और विरोध शुरू कर दिया। एलबीएस हॉस्टल से लेकर रुईया हॉस्टल तक का सड़क छात्रों से पैक हो गया। छात्र इतने आक्रोशित थे कि पहले वहां लगे पीएम मोदी के होर्डिंग्स में आग लगाई फिर वहां गए एक सुरक्षा कर्मी की स्कूटी में आग लगा दी।

जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ ही पुलिस ने आंसू गैस का गोले छोड़े और छात्रों को भगाने के लिए हवाई फायरिंग भी की। आरोप है कि छात्रों की ओर से भी हवाई फायरिंग की गई। इस घटना के बाद पूरा कैंपस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

बीएफए की छात्रा के साथ बाइक सवार दो युवकों द्वारा छेड़खानी के विरोध में मुकम्मल सुरक्षा की मांग को लेकर शुक्रवार की सुबह शुरू हुआ छात्राओं का आंदोलन शनिवार की देर रात तक जारी रहा था। छात्राओं के आक्रोश पर विश्वविद्यालय प्रशासन काबू नहीं कर सका।

छात्राएं कुलपति से नीचे किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थीं

बीएचयू सिंह द्वार से महिला महाविद्यालय और कुलपति आवास तक धरना-प्रदर्शन चलता रहा। इस दौरान कई बार कुलपति ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों, सभी अधिकारियों, हॉस्टल वार्डन आदि को बातचीत के लिए भेजा लेकिन छात्राएं कुलपति से नीचे किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थीं।

प्रदर्शनकारी छात्राएं कुलपति को धरनास्थल पर बुलाने की जिद पर अड़ी रही, तो कुलपति उनके बीच जाने को तैयार नहीं। विरोध-प्रदर्शन के बीच 10 से अधिक बार विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्राओं को मनाने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे। रात करीब 9 बजे कुलपति त्रिवेणी हॉस्टल में छात्राओं से बात करने पहुंचे। समझाने के बाद भी वह लिखित आश्वासन बिना मानने को तैयार नहीं हुईं।

उधर, शुक्रवार को आधी रात के बाद रात धरनास्थल पर कुलपति का पुतला फूंककर छात्रों ने भी गुस्सा जाहिर किया। दूसरी ओर, बीएचयू कैंपस से उठी विरोध की चिंगारी शहर के अन्य विश्वविद्यालयों तक पहुंच गई है। बीएचयू प्रशासन के रवैये के विरोध में काशी विद्यापीठ में छात्रनेताओं ने मार्च निकाला और कुलपति का पुतला फूंक कर नाराजगी जताई।

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