CBSE के नए नियम : 9वीं व 11वीं के बाद स्कूल छोडऩे के लिए बतानी होगी वजह

सीबीएसई के 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को स्कूल बदलने का कारण स्पष्ट करना होगा, तभी वे किसी दूसरे स्कूल में 10वीं व 12वीं में दाखिला ले सकेंगे। सीबीएसई ने इस संबंधी शर्तें व गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं, ताकि आवेदक पूरी तैयारी के साथ आवेदन करें। अगर बच्चे के अभिभावकों का ट्रांसफर कहीं दूर हो गया हो, होस्टल में भर्ती होने पर कहीं दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ रहा हो, बेहतर शिक्षा के लिए, स्कूल और घर के बीच दूरी अधिक हो, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं व इलाज के लिए शिफ्ट करना हो तो मंजूरी दी जाएगी। 

पुराने स्कूल के प्रिंसिपल से अटेस्ट करवाने पर ही मान्य होंगे दस्तावेज
एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ. संजय भारद्वाज ने बताया कि यह नियम 10वीं और 12वीं क्लास में दाखिल होने वालों पर लागू होंगे, यानी कि जिन्होंने 9वीं और 11वीं क्लियर करने के बाद दूसरे स्कूल में अगली क्लास में दाखिला लेना है। इसके लिए अभिभावकों को बच्चे का स्कूल बदलने से संबंधित दस्तावेज तैयार कर पुराने स्कूल के प्रिंसिपल से दस्तावेज अटेस्ट करवाने होंगे।
यह दस्तावेज होंगे जरूरी
नौकरी पेशे वाले अभिभावकों की ट्रांसफर होने पर
अभिभावकों की ओर से बोर्ड को रिक्वेस्ट पत्र, अभिभावकों की ट्रांसफर होने पर उनका ट्रांसफर पत्र, छात्र की पिछली क्लास का रजिस्ट्रेशन नंबर, बीते साल का रिपोर्ट कार्ड, प्रोवीजनल ट्रांसफर सर्टिफिकेट, अभिभावकों की जहां ट्रांसफर हुई वहां का ज्वाइनिंग लेटर।

फेल होने पर
पुराना रोल नंबर, एडमिट कार्ड, मार्कशीट और डाक्यूमेंट के तौर पर लिख कर देना होगा कि स्कूल क्यूं बदल रहे हैं।

स्कूल और घर की दूरी अधिक होने पर
अभिभावक ब'चे के स्कूल और घर के बीच को दूरी का कारण मुख्य रखते हुए स्कूल बदलना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें एफिडेविट व स्वघोषणा पत्र देना होगा। इसमें लिखा जाएगा कि स्कूल और घर के बीच का दूरी आखिर है कितनी।

स्वास्थ लाभ के लिए
अगर स्वास्थ संबंधी परेशानी होने पर किसी दूसरी जगह इलाज करवाना चाहते हैं तो इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट देना आवश्यक है।
घर व कामकाज शिफ्ट करने की सूरत में
अभिभावक अगर किराए के मकान में रहते हैं और इस वजह से स्कूल की दूरी सामने आती है तो उन्हें जगह बदलने का कोई प्रमाण पत्र, रेंट एग्रीमेंट चाहिए। अगर कामकाज बदला जा रहा है तो उसके पुराने पते का दस्तावेज जमा करवाने अनिवार्य हैं।

हास्टल में शिफ्ट होने पर
ऐसे केस में अभिभावकों व छात्रों को हॉस्टल फीस, फीस की बैंक से ट्रांजेक्शन आदि की जानकारी देनी अनिवार्य होगी।

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