GST से बचने के लिए देश के व्यापारियों ने निकाला रास्ता, देखिए

देश में एक जुलाई से लागू हुए जीएसटी से बचने के लिए देश के व्यापारियों ने रास्ता निकाल लिया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिल रही है। आप भी देख लीजिए।

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू हुए नौ दिन ही हुए हैं, लेकिन व्यापारियों ने इससे बचने का तरीका खोज लिया है। कारोबारी जीएसटी के तहत सामान की बिक्री तो कर रहे हैं, लेकिन तरीका ऐसा अपना रहे हैं कि टैक्स कम देना पड़े। हालांकि यह चोर रास्ता फिलहाल फुटवियर और गारमेंट्स पर निकाला गया है।

हरियाणा सीएम सिटी के कुछ दुकानदार जूते-चप्पल और सलवार-कमीज जैसे जोड़ी में बिकने वाले आइटम को अलग-अलग करके बेच रहे हैं, ताकि उन्हें टैक्स कम देना पड़े। जीएसटी काउंसिल ने आम ग्राहकों को फायदा देने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उसका इस्तेमाल व्यापारी अपना टैक्स बचाने के लिए कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने 500 रुपये से कम के जूते-चप्पलों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया है। जबकि इससे ज्यादा कीमत वाले पर 18 फीसदी जीएसटी लगा है। शहर के कुछ कारोबारी 18 फीसदी के टैक्स से बचने के लिए 500 रुपये से अधिक मूल्य के जूते-चप्पल को अलग-अलग करके बेच रहे हैं। इससे उन्हें 5 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है।

एक व्यापारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जूते-चप्पल को अगल-अलग बेचने का खेल 1000 हजार से कम कीमत वाले उत्पादों पर ही खेला जा रहा है। व्यापारी ने कहा कि मान लें कि कोई ग्राहक 900 का कोई जूता खरीदता है तो उसे कुछ दुकानदार 450-450 के दो बिल काट कर देते हैं।

इसी तरह का खेल शहर के कुछ गारमेंट्स व्यापारी भी खेल रहे हैं। जीएसटी के तहत 1000 रुपये से कम के कपड़ों पर 12 और उससे अधिक पर 18 फीसदी टैक्स लगाया गया है। व्यापारी इसका भी फायदा उठा रहे हैं।

जानकारों का कहना है कि जीएसटी के प्रावधानों का दुरुपयोग टैक्स के अलग-अलग दर के चलते हो रहा है। जीएसटी के तहत शून्य, 5, 12, 18, 28 फीसदी (सेस अलग से) की टैक्स दर तय की गई है। इसका व्यापारी फायदा उठा रहे हैं और कानून के दायरे में रहते हुए भी टैक्स चोरी करने में लगे हैं।

जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को जीएसटी ही नहीं इनकम टैक्स का भी डर सताने लगा है। अभी तक ले-देकर आय कम दिखाने वाले व्यापारी अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार से होने वाली सालाना आय का रिकार्ड सरकार के पास पहुंच जाएगा। इससे वे इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय धांधली नहीं कर पाएंगे।

गलत रास्ता अपनाने वाले को होगा नुकसान 
जीएसटी से बचने के लिए जो भी गलत रास्ता निकालेगा, उसे नुकसान होगा। किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। हालांकि, जीएसटी से व्यापार प्रभावित हुआ है। फिलहाल व्यापार शून्य पर पहुंच गया है। यूपी और पंजाब से छोटे व्यापारियों ने आना बंद कर दिया है। इस मंदी से उबरने में 3 से 4 महीने लगेंगे।

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