J&K: ‘भर्ती’ कम और ‘ढेर’ अधिक हो रहे हैं आतंकवादी

J&K:जितने भर्ती नहीं हो रहे हैं, उससे अधिक ढेर किए जा रहे हैं आतंकवादी

नई दिल्ली/श्रीनगर
जम्मू और कश्मीर में मजबूत ग्राउंड इंटेलिजेंस की सहायता से जारी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से आतंकी संगठनों की कमर टूट गई है। अब हालात यह हैं कि इस वर्ष जितने नए आतंकवादियों की भर्ती नहीं हो रही है, उससे कहीं अधिक ढेर कर दिए जा रहे हैं। राज्य में अलगाववादी अब अपनी गतिविधियों के लिए विदेशी घुसपैठियों पर अधिक निर्भर रह रहे हैं।

इंटेलिजेंस रेकॉर्ड के अनुसार इस साल जम्मू कश्मीर में जहां 71 आतंकियों की 'भर्ती' हुई है, वहीं 132 आतंकियों को सैन्य ऑपरेशन में मार गिराया गया है। पाकिस्तान और PoK से इस साल जुलाई तक 78 आतंकवादियों ने घुसपैठ किया। वहीं पिछले वर्ष 2016 में यह आंकड़ा कुल मिलाकर 123 था। इस ट्रेंड को देखते हुए घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

इस साल सैन्य ऑपरेशनों में जिन 132 आतंकियों को ढेर किया गया, उनमें से 74 विदेशी नागरिक थे, जबकि 58 स्थानीय थे। इन आतंकियों में से 14 लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अल-बद्र के टॉप कमांडर थे। राज्य पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के साझा ऑपरेशनों से बड़ी सफलता मिल रही है।

घाटी में हिज्बुल मुजाहिदीन की कमान संभालने वाले आतंकवादी को सैन्य बलों ने पिछले साल 8 जुलाई को एनकाउंटर में मार गिराया था। उसके बाद जाकिर मूसा और फिर सबजार अहमद भट, यासिन के खात्मे को आतंकवाद के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

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