NEET: राष्ट्रीय महिला आयोग ने पूछा – क्या ऐसे की जाती है लड़कियों की जांच?
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के दौरान केरल के कन्नूर में छात्राओं के अंडरगारमेंट उतरवाने की घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम ने सीबीएसई को पत्र लिखा है. इस पत्र में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है.
इसके साथ ही आयोग ने केरल सरकार को भी इसी संदर्भ में पत्र लिखा है. मंगलम का कहना है कि ये लड़कियों की डिग्निटी का हनन है. क्या जांच का ये तरीका है ? इस प्रकार की जांच किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए.
वहीं इसको लेकर महिला संगठनों में भी गुस्सा है. उनका कहना है कि सीबीएसई की शर्तों को लागू करवाने के लिए अनुचित तरीका अपनाया गया.
लेखिका और थिएटर एक्टिविस्ट अंकिता आनंद सवाल करती हैं कि सीबीएसई के ड्रेस कोड लागू करने के बाद जींस उतरवाकर सलवार पहनने और पूरी बाजू के कपड़े पहनने पर, बाजू का कपड़ा काटना कहां तक उचित है.
आनंद कहती हैं कि ये बहुत गलत हुआ है. परीक्षा के नाम पर ये एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है. सिस्टम या जांच के नाम पर शरीर के किसी भी हिस्से तक पहुंचा जा रहा है. इस मामले की जांच होनी चाहिए.
वो कहती हैं कि जिन लड़कियों के साथ ये हुआ है उनके बयान लिए जाएं और जिन्होंने ये किया है उनसे भी जवाब लिया जाए. सीबीएसई को इस घटना की कड़ी निंदा करने के साथ ही जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की रंजना कुमारी का कहना है कि इस प्रकार जांच किया जाना पूरी तरह गलत है. इसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए. जांच के नाम पर लड़कियों के इनरवीयर तक उतरवा देना कहां का तरीका है.
बेटी का टॉप उठाकर की जांच
तमिलनाडु में एक छात्रा के पिता राजेश ने बताया कि परीक्षा से पहले उनकी बेटी से टॉप उठाने के लिए कहा गया. वहीं जांच के दौरान जींस में बटन होने के कारण उसे उतारने के लिए कहा. जब उनकी बेटी ने बटन हटा दिए और दोबारा जांच की गई तो जींस में पॉकेट को लेकर आपत्ति की गई. राजेश का कहना है कि उनको तीन किलोमीटर दूर अपने घर दोबारा जाकर बेटी के लिए लेगिंग्स लेकर आना पड़ा.
एक लड़की ने अंडरगारमेंट उतारकर अपनी मां को दिया
राजेश बताते हैं कि हद तो तब हो गई जब एक लड़की ने अपनी मां को अंडर गारमेंट उतारकर दिया. उसने बताया कि जांच कि दौरान उससे कहा गया कि अंडर गारमेंट की पट्टी में कुछ मेटल लगा है, इसलिए हटानी होगी. वहीं कई लड़कियों के कुर्तों की बाजू ही काट दीं.
खुलवा दिया जूड़ा, दुपट्टा उतारने को किया मजबूर
अलीगढ़ से नोएडा सेक्टर 22 में ये परीक्षा देने आई हुमैरा ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर जांच के दौरान उनका जूड़ा खुलवा दिया गया और कहा गया कि हो सकता है बालों में चिप लगी हो. जैसे ही वो परीक्षा कक्ष में पहुंचीं तो उनके गले से दुपट्टा भी निकलवा दिया. उन्हें पूरी परीक्षा में बिना दुपट्टे के बाल खोलकर बैठना पड़ा.
सीबीएसई ने नहीं मानी गलती, स्टाफ को और संवेदनशील बनाएगा
जांच के नाम पर कन्नूर में हुई इस ज्यादती पर सीबीएसई ने सफाई दी है. सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि उनका स्टाफ उस शहर में मौजूद था लेकिन, न तो स्कूल, न ही छात्राओं या उनके अभिभावकों की ओर से उन्हें ऐसी कोई शिकायत मिली. सीबीएसई ने कहा कि इन गाइडलाइंस को सुप्रीम कोर्ट भी हरी झंडी दे चुका है. हां, भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए जांच स्टाफ को संवेदनशील बनाएंगे.
ये थीं नीट के लिए सीबीएसई की शर्तें
ड्रेस कोड
छोटी बाजू वाले हल्के कपड़े पहनकर आएं. सलवार या ट्राउजर में बड़े बटन, बैज, फूल आदि न लगे हों.
छोटी हील वाली चप्पल या सैंडिल पहनकर आएं, जूते निषेध
ये सब नहीं ले जा सकते
कोई भी स्टेशनरी, पैन, पेंसिल, रबड़, कैल्कुलेटर,इलैक्ट्रॉनिक पैन, पैमाना, पैन ड्राइव, स्कैनर, वॉलेट, चश्मा, बैल्ट, मोबाइल, माइक्रोफोन, हेल्थ बैंड, ब्रेसलेट, अंगूठी, नेकलेस, कान या नाक में बूंदे, खाना, पानी, कैमरा, ब्लूटथ,माइक्रोफोन, बैग आदि.