PMT 2013 के मामले में चिरायु व पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के 6 लोगों की अग्रिम जमानत निरस्त

भोपाल  मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में पीएमटी 2013 मामले में छह आरोपियों की अग्रिम जमानत आवेदन को विशेष कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इनमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन चेयरमेन अजय गोयनका सहित कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के वीके पंड्या का भी का अग्रिम जमानत आवेदन भी खारिज हो गया है।

व्यापम मामलों में सुनवाई करते हुए भोपाल में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसौदिया ने अग्रिम जमानत के लिए लगाए गए आवेदनों पर विस्तृत बहस शुरू की। विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने पीएमटी 2013 के मामलों के अनुसंधान के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाए जाने का तर्क दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में चिरायु मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन चेयरमैन अजय गोयंनका एवं कॉलेज लेबल एडमिशन कमेटी के सदस्यगण डॉ.रवि सक्सेना, एसएन सक्सेना, डॉ. बीएन भावसार. डॉ. वीरेंद्र मोहन शामिल हैं।

डीएमई को सही जानकारी न देने की अनियमितता

विशेष लोक अभियोजक दिनकर ने तर्क दिया कि पीएमटी 2013 की काउंसिलिंग के पहले और दूसरे राउंड में डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) को सही जानकारी प्रस्तुत नहीं की थी जो अनियमितता है। 30 सितंबर 2013 के पश्चात 42 अपात्र अभ्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिया। इस तरह पात्र अभ्यर्थियों को दाखिले से वंचित कर गंभीर अपराध किया है। ऐसी स्थिति में आरोपीगण अग्रिम जमानत के पात्र नहीं हैं। 

वीके पंड्या की अग्रिम जमानत भी नामंजूर

इसी तरह डॉ. वीके पंड्या द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन के संबंध में दिनकर ने बताया कि आवेदक पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल में कॉलेज लेवल एडमिशन कमेटी के कार्य को देख रहे थे। मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर किए गए अनियमिता के फलस्वरुप 48 अपात्र लोग को पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सका। यह भी गंभीर अपराध है। उनके इस कृत्य से पात्र अभ्यार्थीगण  के अधिकारों का हनन हुआ है। दिनकर ने कहा कि इसलिए आवेदक का अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त की जाना चाहिए। सीबीआई की ओर से प्रस्तुत तर्कों पर विचार करते हुए अदालत ने आदेश पारित कर उक्त सभी आवेदकगणों के अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किए हैं।

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