दिल्ली में ठक-ठक गैंग के खिलाफ पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

नई दिल्ली । दिल्ली के उत्तरी जिले की पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठक-ठक गैंग का भंडाफोड़ कर पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान, रुक्मण (46), अब्दुल हसन (38), मदन कुमार (33), एन। लोगो (39) और सतियाराज (37) के रूप में हुई है। ये सभी तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली और पोंडी चेरी जिला के रहने वाले हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने लगभग 40 ग्राम सोने के आभूषण, एक मोबाइल फोन, दस्तावेजों समेत चोरी किया गया 21 बैग और 15 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। डीसीपी मनोज सी. के मुताबिक ये सभी वांटेड बदमाश हैं। इन सभी पर दिल्ली के विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनकी गिरफ़्तारी से पुलिस ने दिल्ली के कोतवाली और नारायणा थाने के तीन मामलों का खुलासा करने में कामयाबी पाई है। डीसीपी ने बताया, 2 अप्रैल 2024 को कोतवाली थाने की पुलिस को  शिकायत दी गई थी। उत्तराखंड के रुड़की की रहने वाली एक 62 वर्षीय महिला शिकायतकर्ता ने बताया था कि वह तकरीबन शाम 6 बजे कार से लाल किला के मुख्य चौक के पास स्थित जैन मंदिर के सामने पहुंची थी।
 वह कार की पिछली सीट पर बैठी थी। उसी वक्त एक व्यक्ति ने उनके ड्राइवर रवि को कहा कि कोई उसे जैन मंदिर के अंदर बुला रहा है। इस पर उनका ड्राइवर जैन मंदिर के अंदर चला गया, जबकि वे कार के अंदर बैठी रहीं। कुछ क्षणों के बाद, एक अन्य व्यक्ति उनकी गाड़ी की खिड़की के पास आया और इशारा किया कि उसके पैसे गिर गए हैं। इस पर उन्होंने अपनी तरफ का दरवाजा खोला, इसी बीच दूसरे शख्स ने चतुराई से उनका हैंडबैग चुरा लिया, इसमें  1.7 लाख नकद, उनका मोबाइल फोन, 30 ग्राम सोने के आभूषण और अन्य दस्तावेज थे। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी सबडिवीजन शंकर बनर्जी के मार्गदर्शन और एसएचओ कोतवाली जतन सिंह की देखरेख में लाल किला चौकी के इंचार्च एसआई सतेंद्र सिंह के नेतृत्व में एएसआई वेद प्रकाश, हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान, पुलिस टीम दो भागों में बंट कर आगे और पीछे के रास्तों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। उसी मुताबिक उनके रूट्स को फॉलो करना शुरू किया। साथ ही इस तरह के मामलों में शामिल रहे आरोपियों की प्रोफाइल की जांच भी की। इसमें 10 रुपये के नोट को गिरा कर पीड़ितों के ध्यान को भटकाने का पता चला। साथ ही यह भी पता चला कि त्रिची का गिरोह इस तरह की चाल का इस्तेमाल करता है। इस जानकारी पर पुलिस टीम ने लगातार 7 दिनों तक काम किया और सीसीटीवी फुटेज के जरिए संदिग्धों की तस्वीरों को इस तरह के मामलों में शामिल आरोपियों के प्रोफाइल से मिलाना शुरू किया। इससे पुलिस एक आरोपी रुक्मण की पहचान करने में कामयाब हुई।

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