PWD मंत्री बोले- कटौती अब लोग बर्दाश्त नहीं करते; ऊर्जा मंत्री का जवाब- पहले से 39% ज्यादा बिजली सप्लाई हो रही,
शिवराज कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में मंत्रियों ने प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा मंत्रियों ने उठाया। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि लोगों को अब 24 घंटे बिजली की आदत हो चुकी है। वे अब कटौती को बर्दाश्त नहीं करते हैं। उन्हें भले ही ज्यादा दाम पर बिजली मिले। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि पहले की तुलना में 39% अधिक बिजली दी जा रही है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऊर्जा विभाग से 2 दिन में बिजली की सप्लाई और कटौती का पूरा ब्यौरा देने को कहा है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक शुरू होने से पहले ऊर्जा विभाग के अफसरों से बिजली की मौजूदा स्थिति को लेकर जानकारी ली। अफसरों ने बांधों में पानी की कमी को बिजली कटौती की मुख्य वजह बताई। इस दौरान बिजली की समस्या का हल कैसे निकले, इस पर बात की गई।
मुख्यमंत्री ने बिजली की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। जिसमें कहा गया कि मंडला से बरमान तक बारिश नहीं होने कारण नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम का जलस्तर घट गया है। 1520 केवी क्षमता के अनुरूप सप्लाई में परेशानी हो रही है। डिमांड बढ़ी थी, इसलिए कटौती आवश्यक हो गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसरों से कहा कि कार्यक्षमता में सुधार लाएं। बिजली संकट की ऐसी स्थिति किसी भी कीमत पर नहीं आनी चाहिए। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि किसान अब 2 से 3 फसलें लेते हैं। इसी हिसाब से दरें रखी जाएं। सब्सिडी कम रखे। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन प्रदेशों में बिजली आपूर्ति को लेकर अच्छा काम हुआ है, उनका अध्ययन कराया जाए। सरकार के प्रवक्ता डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अफसरों से बिजली के उत्पादन, मांग और सप्लाई के संबंध में पूरा ब्यौरा देने को कहा है।
इधर, एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर के सूत्रों का कहना है कि 27 से 29 अगस्त तक शाम सात बजे से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की थी। फिलहाल भोपाल, बड़वानी और खंडवा में बारिश के साथ कटौती बंद कर दी है। जबकि महाकोशल अंचल के जबलपुर, नरसिंहपुर, दमोह, डिंडौरी सहित अन्य क्षेत्र में 2 घंटे कटौती की थी। नर्मदा बेल्ट में मंडला से बरमान तक बारिश नहीं होने से समस्या है।
होशंगाबाद, भोपाल, उज्जैन में 2 घंटे अघोषित कटौती
होशंगाबाद, भोपाल, उज्जैन की औद्योगिक मांग भी 2 घंटे ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की वजह बनी है। इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में 27 अगस्त से बिजली कटौती शुरू की थी।
सूत्रों का कहना है कि मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी सीधे फीडर बंद कर आपूर्ति रोक रही है। अभी तक ग्रुप एक से चार में कटौती हो रही है। इस ग्रुप में ग्रामीण फीडर आते हैं। कटौती का असर 1 हजार से ज्यादा गांवों में नजर आ रहा है।
मंत्रियों के अलग-अलग बयान
मध्य प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। बिजली के अचानक आए संकट पर सरकार के मंत्री भी अलग-अलग बयान दे रहे हैं। जबकि बीजेपी के विधायक जनता की परेशानी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अवगत करा रहे हैं।