पिता के नक्‍शेकदम चलना चाहते हैं सरायकेला के 2nd टॉपर धीरज….

सरायकेला। सरायकेला स्थित सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय का छात्र धीरज कुम्हार ने दसवीं की वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में 95.60 फीसद अंक प्राप्त कर सरायकेला खरसावां जिले का सेकेंड टाॅपर बन गया है। धीरज के पिता सुखराम कुम्हार उत्क्रमित उच्च विद्यालय गोपीडीह में सरकारी शिक्षक हैं। जबकि मां डालिमा देवी गृहणी हैं।

पिता की तरह शिक्षक बनना चाहते हैं धीरज

धीरज ने बताया कि वह अपने पिता की तरह शिक्षक बनना चाहते हैं और गांव देहातों में सभी बच्चों को विद्यालय जाने के लिए जागरुक करेंगे। इतना ही नहीं, जो बच्चों के अभिभावक पढ़ाई का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं वैसे बच्चों को खुद वह पढ़ाने का काम करेंगे।

धीरज ने बताया कि परीक्षा के दौरान वह प्रतिदिन दस से बारह घंटे पढ़ाई करता था। ताकि वे अपने सपनों को सच कर दिखा सके। धीरज अपने माता-पिता के साथ सरायकेला आदर्श कालोनी में रहता है।

किस विषय में कितने मिलने नंबर

हिन्दी : 95
अंग्रेजी : 95
मैथ : 100
साइंस : 96
सोशल साइंस : 84
संस्कृत : 92

बच्‍चों ने स्‍कूल और जिले का नाम किया रोशन

आज दिनांक 19 अप्रैल, 2024 शुक्रवार को माध्यमिक परीक्षा फल प्रकाशित हुआ, जिसमें सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के बच्‍चों ने शत प्रतिशत सफलता अर्जित की है। विद्यालय की ओर से कुल 125 बच्चे माध्यमिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। उनमें से सभी बच्चों ने सफलता अर्जित की है।

विद्यालय का धीरज कुम्हार 95.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। वहीं राहुल दास 90.80 प्रतिशत अंकों के साथ द्वितीय स्थान मिला और दीपिका सिंह को 90.40 प्रतिशत अंकों के साथ तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। जबकि दयाशंकर राय, निवेदिता महतो और श्रुति पात्र को क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान प्राप्त हुआ।

प्रिंसिपल ने दी विद्यार्थियों को बधाई

विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने विद्यालय के शत प्रतिशत सफलता के लिए सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि माध्यमिक परीक्षा में हमारे बच्चे शत प्रतिशत सफलता अर्जित किए हैं। इस सफलता में पूरे विद्यालय परिवार का सहयोग रहा है।

बच्चों की सफलता में ही विद्यालय की सफलता निर्भर है। परिश्रम और लगन से जब हम किसी कार्य को करते हैं तो अंत में हमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है। इसके लिए मैं सभी भैया बहनों को बधाई देता हूं और उनकी उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। बच्चे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते जाएं यही हमारी शुभकामना है।

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