सपा ने 2004 में काग्रेस को हरा कर पहली बार अपना परचम लहराया 

प्रतापगढ। 39 संसदीय सीट पर ज्यादा समय तक कांग्रेस सांसद  का कब्जा रहा। सपा पहली बार वर्ष 2004 में जिले में अपना खाता खोलने में कामयाब रही है। रत्ना सिंह ने जिले में अपना प्रभाव इस कदर बना लिया था, उन्हें चुनाव मैदान से हराना टेढ़ी खीर लग रहा था। तब कुंडा विधायक और जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ने अपने करीबी अक्षय प्रताप सिंह को सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया।
पूर्व में एमएलसी रह चुके अक्षय प्रताप सिंह ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी और कांग्रेस प्रत्याशी रत्ना सिंह को करारी शिकस्त देने में कामयाब रहे। अक्षय प्रताप सिंह को 2,38,137 मत मिले, तो दूसरे स्थान पर रहने वाली रत्ना सिंह को 168,885 मतों से संतोष करना पड़ा।
अक्षय प्रताप सिंह के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं था, मगर राजाभैया के गांव-गांव प्रचार करने से चुनाव का रूख बदल गया और उन्हें भारी मतों से जीत मिली। हालांकि एमएलसी का चुनाव लड़ चुके अक्षय प्रताप सिंह का प्रधानों और बीडीसी सदस्यों के बीच गहरी पैठ थी। सुरेश सिंह ,  राकेश सिंह सांगीपुर
यह चुनाव सपा और कांग्रेस के बीच नहीं था, बल्कि राजा भैया और रत्ना सिंह के बीच था। अक्षय प्रताप सिंह के प्रचार की बागडोर राजाभैया के संभालते ही चुनावी माहौल बदल गया और सपा प्रत्याशी को जीत मिली। वैसे देखा जाए तो कांग्रेस ने सबसे अधिक पलि अभी तक आपने पाले हासिल किया है। 1951,1957,1967,1971,1980,1984,1989,1996,1999वी2009 में कांग्रेस का सांसद ज्यादा रहा है।1962में जनसघ से अजीत प्रताप सिंह,1977भारतीय लोक दल 1991जनता दल ,1998में भाजपा से राम विलास वेदांती  राम लहर में भाजपा का परचम भी राजा भैया के सहयोग से लहराया था।2014में अपना दल के खाते से हरिवंश सिंह सांसद बने ।2019 में भाजपा से सांसद संगम लाल गुप्ता को 436291मत मिला था वही दूसरे नंबर पर सपा  बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अशोक कुमार त्रिपाठी को 318539 मत मिला तथा काग्रेस से रत्ना सिंह को मात्र 77096मत से संतोष करना पड़ा । वैसे जातीय  समीकरण पर गौर किया जाए तो कुर्मी 11%मुस्लिम 15%यादव 10%क्षत्रिय 8%ब्राम्हण16%के लगभग है।इस लोक सभा में कुर्मी बिरादरी का असर खास माना जाता है।देखा जाए तो चार विधान सभा क्षेत्र में 3कुर्मी,1 मैरिया विधायक और 1ब्राह्मण विधायक  है। जिसमें 2सपा 1कांग्रेस का कब्जा है।इस बार सपा ,काग्रेस, आप  गठबंधन का प्रत्याशी डाक्टर शिव   पाल सिंह पटेल और भाजपा के वर्तमान सांसद संगम लाल गुप्ता ने दूसरी पाली के लिए जोर आजमाइश  के लिए मैदान में है।
देखा जाए तो रामपुर में काग्रेस के विधायक आराधना मिश्रा मोना ,विश्वनाथ गंज से विधायक अपना दल के जीत लाल पटेल,सादर विधायक भाजपा राजेंद्र प्रसाद, पट्टी  विधायक सपा राम सिंह पटेल ,रानीगंज l विधायक आर के पटेल है।फिलहाल 5विधान सभा में 3भाजपा विरोधी विधायक है जिसमे दो सत्ताधारी विधायक है। गत 2019लोकसभा चुनाव में समीकरण कुछ और था।5विधान सभा में से केवल रामपुर विधान सभा एक ऐसी विधान सभा थी जो सत्ता विरोधी थी । सपा बसपा गठबंधन था। वर्तमान में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और मोदी की लहर व सांसद संगम लाल गुप्ता की विकास माडल का इतिहास दोहराएगा या पीडीए के फेर में  जातीय समीकरण का जादू चलेगा।

Leave a Reply