दिमाग ही नहीं आपके पाचन भी खराब कर सकता है स्ट्रेस….

जिंदगी की दौड़ में हिस्सा लेने के चक्कर में इन दिनों हर कोई भागा जा रहा है। भागदौड़ भरी इस लाइफ में लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। काम का बोझ और घर-परिवार की जिम्मेदारियां अकसर हमें कई मानसिक समस्याओं का शिकार बना देती हैं। तनाव इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे इन दिनों लगभग हर कोई परेशान है। स्ट्रेस की वजह से न सिर्फ हमारी मानसिक सेहत प्रभावित होती है, बल्कि शारीरिक सेहत भी प्रभावित होती है।

स्ट्रेस का असर हमारे पाचन तंत्र पर भी देखने को मिलता है। इसकी वजह से हमारी गट हेल्थ प्रभावित होती है। ऐसे में स्ट्रेस के पाचन तंत्र पर असर के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज के निदेशक डॉ.विशाल खुराना से बातचीत की।

स्ट्रेस और पाचन का कनेक्शन

इस बारे में डॉक्टर रहते हैं कि स्ट्रेस हमारे पाचन तंत्र में इफेक्ट डालता है। हमारा मस्तिष्क और इंटेस्टाइनल सिस्टम आपस में बात करते रहते हैं। यह देखा गया है कि पेट के अंदर काफी ज्यादा मात्रा में नसें पाई जाती हैं और इन सभी नसों का कंट्रोल ब्रेन से होता है | ऐसे में जब भी स्ट्रेस होता है, तो इससे हमारा नर्वस सिस्टम डिस्बैलेंस होने की वजह से पेट के अंदर मौजूद नसे भी डिस्बैलेंस हो जाती हैं |

स्ट्रेस से होने वाली पाचन संबंधी समस्याएं

डॉक्टर आगे रहते हैं, तो जब स्ट्रेस होता है, तो बॉडी के अंदर फाइट और फ्लाइट रिस्पांस आ जाता है, इसके आपकी फूड पाइप स्पाज्म में जा सकती है , पेट के अंदर एसिड प्रोडक्शन ज्यादा हो सकता है, आपको मतली जैसा महसूस हो सकता है, लूस मोशन और कॉन्स्टिपेशन भी हो सकता है।

इसलिए जरूरी स्ट्रेस मैनेजमेंट

उन्होंने यह भी बताया कि जब स्ट्रेस काफी ज्यादा होता है, तो आपके इंटेस्टाइन के अंदर पहले से चल रही बीमारियां, जैसे की IBS (इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज), पेप्टिक अलसर डिजीज यह सभी और गंभीर हो जाती है, इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी है, जब आप पेट और इंटेस्टाइनल सिस्टम की बात करते है। स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए अपनाएं ये टिप्स-

  • सोशल मीडिया और समाचारों को देखने, पढ़ने या सुनने से ब्रेक लें। जानकारी होना अच्छी बात है, लेकिन लगातार दर्दनाक घटना के बारे में सुनना परेशान करने वाला हो सकता है।
  • अपना ख्याल रखें। हेल्दी डाइट लें, व्यायाम करें, भरपूर नींद लें और अगर आप तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो खुद को आराम दें।
  • अपने शरीर की देखभाल करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। डीप ब्रिथिंग एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग या मेडिटेशन करें।
  • पूरी और अच्छी नींद लें। बहुत ज्यादा शराब, तंबाकू और नशीली चीजों के सेवन से बचें।
  • अपनी चिंताओं के बारे में और आप कैसा महसूस कर रहे हैं, इस बारे में उन लोगों से बात करें जिन पर आप भरोसा करते हैं।
  • जब आपको ज्यादा मदद की जरूरत हो, तो किसी मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता या एक्सपर्ट से बात करें।

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